हम अपने भाग्य के निर्माता हैं,जो कार्य हमारे सामने हैं ,वह हमारी शक्ति से परे नही हैं तथा इसको पूरा करने के लिए जो कष्ट सहना पडेंगा,वह भी हमारी सहन शक्ति से अधिक नही हैं और जब तक हमे अपने जीवन प्रयोजन और जीतने की अजेय इच्छाशक्ति पर विश्वास हैं,कोई भी सफलता हमसे अधिक दूर नही रह सकती |{ winston churchill}
मानव जाति के पूरे इतिहास में आप जैसा व्यक्ति न कभी हुआ था ना कभी होंगा |आपके लक्षणों /गुणों के अनूठे तालमेल वाला दूसरा व्यक्ति होने की सम्भावना ५० बिलियन में से एक हैं |आपमें अपने जिंदगी में कुछ खास ,कुछ असाधारण करने की क्षमता हैं |ऐसी अनू ठी चीज ,जिसे कोई दूसरा नही कर सकता |आपको तो सिर्फ इस असली सवाल का जवाब देना हैं …आप क्या करेंगे | यह हकीकत हैं की कुछ लोगों में जन्मजात असाधारण प्रतिभा होती हैं ,लेकिन हममे से ज्यादातर लोग तो कमोबेश औसत गुणों और योग्यताओं के साथ ही अपनी जिंदगी शुरू करते हैं |किसी भी क्षेत्र में महान सफलता हांसिल करने वाले स्त्री-पुरुषों ने वो सफलता कैसे पायी ??उन्होंने अपनी रूचि के किसी खास क्षेत्र में अपने नैसर्गिक गुणों और योग्यताओं को बहुत ज्यादा बढ़ा लिया ,जिसके परिणाम स्वरुप वे सफल हुए |आपके भीतर क्षमता तो मौजूद हैं ,लेकिन उसे बाहर निकालने के लिए आपको उसे पहचानना और विकसित करना होंगा | aayiye इसी संदर्भ में कुछ बातें करते हैं -
प्राचीन भारतीय ऋषि मुनि ध्यान द्वारा परमात्मा से साक्षात्कार करते थे ,इसके लिए वे मस्तिष्क कि अनंत शक्तियों का उपयोग करते थे |
आधुनिक शोधो से मानव मन के दोप्रकार ज्ञात हुए हैं –चेतन वा अवचेतन |चेतन या जागृत मन जिसका हम केवल एक से पन्द्रह प्रतिशत उपयोग करते हैं |इन्द्रिय नियंत्रण ,शरीर कि हलचल ,विचार एवं तर्कशक्ति ,बुध्हिमत्ता ,सही अवसर कि पहचान एवं उसका सही फायदा उठाना ,अच्छे-बुरे कि पहचान ,इच्छा कि उत्पत्ति आदि सब जागृत मन कि शक्तिया हैं ,
ये सब मानवीय शक्तियां हैं जो केवल १५% हैं बाकी कि ८५%शक्ति अवचेतन मन के पास हैं ,जिसे हम दैवीय शक्ति,ईश्वरीय शक्ति या अलौकिक शक्ति भी कहते हैं |इन्द्रियो पर चेतन वा अवचेतन दोनों मनो का नियंत्रण होता हैं |टेलीपैथी यादशक्ति ,भावनाएं ,ज्ञान,प्रज्ञा ,सही अवसर खड़े करने कि क्षमता ऐसी कई शक्तियां अवचेतन मन के पास हैं ,इस मन के पास एक नैसर्गिक घडी वा कलेंडर भी हैं |इसके आलावा शरीर के स्वसंचालित तंत्र पर काबू .घाव भरना ,इच्छा-मृत्यु ,मनोबल आदि एवं आध्यात्मिक शक्तियां अवचेतन मन के पास होती हैं | जागृत अवस्था में मस्तिष्क में १४-३५ तरंगे प्रति सेकंड होती हैं जिसे बीटा
वेव या मन की बीटा अवस्था कहते हैं ,और अर्द्ध-जागृत अवस्था में ७-१४ तरंगे प्रति सेकण्ड होती हैं जिन्हें अल्फ़ा वेव या मन कि अल्फ़ा अवस्था कहते हैं | अल्फ़ा अवस्था में कल्पनाशक्ति के माध्यम से जो भी सृजन या आदेश चेतन[जागृत]मन से अवचेतन मन को देते हैं वह बिना तर्क के स्वीकार कर लेता हैं और हमारे जीवन में ठीक वैसा ही अवसर खड़ा करता हैं |रोज सोने सेपहले अर्धनिद्रा कि अवस्था में ,अल्फ़ा अवस्था में,हम प्राकृतिक रूप से होते हैं [इसके आलावा RELAXATION वा MEDITATION से इच्छा अनुसार अल्फ़ा अवस्था में जाया जा सकता हैं ]हमे रोज अपने सकारात्मक विचारों वाले आत्मसुझाव [जैसा हम बनना चाहते हों ,जो करना चाहते हों }सोने से पहले दुहराना चाहियें |आत्म् सुझावों में न ,नही या वास्तविकता से परें कुछ भी नही होना चाहियें |सुनिए विसुलायिजेसन कैसे करना हैं-
उदाहरण के लिए –मैं बहुत फुर्तीला हूँ ,मैं सफल रहूँगा .तो आपका मन सफलता कि उम्मीद के लिए तैयार करता हैं |यदि आप सोंचे कि मैं असफल रहूँगा तो आपका मस्तिष्क आपके शरीर को कहता हैं कि ‘कोशिश भी मत करो क्यूंकि सफलता कि कोई आशा नही हैं’|
सोचने का मतलब मस्तिष्क में रासायनिक क्रियाएँ करना हैं ,जिससे शरीर सीधा जुड़ा होता हैं ,इसलिए हर वक्त सकारात्मक वा उच्च विचार रखें |सही विचार अपने दिमाग को लगातार देते रहना चाहिये नही तो गलत विचार अपने आप खाली दिमाग को भर लेंगे |एक विद्यार्थी कामयाब लोगों कि जीवनियो को पढ़ता हैं ,जिन्होंने कठिनाईयों के वावजूद सफलता हासिल किया हैं और अपनी कमियों को खूबियों में बदला हैं |
अपनी मनचाही वातु,व्यक्ति या घटना कअपने मस्तिष्क में देखना ही रचनात्मक कल्पना हैं |यह एक क्रिया हैं जिसमे मनुष्य सृजन ,दृष्टी,कल्पना ,अनुभव द्वारा अपने मानस पटल पर हम प्राप्ति का,अपने पसंद के नए व्यक्तित्व का चित्रांकन करतें हैं |अपने लक्ष्य की कल्पना कीजिये और उसका मानसिक पर्दे पर इस प्रकार चित्रांकन किजीयें जैसे आपने उसे पा लिया हों |पूरे मनचाहे परिणाम को देखना हैं ,उसे इन्द्रियों द्वारा महसूस करना हैं |गंध महसूस किजीयें |,रंग देखिये |ताप महसूस कीजिये ,सफलता खुशी का अनुभव किजीयें | एक आराम देह कुर्सी पर बैठ जाईये ,दोनों हाथो कि उंगलियों को आपस में मिला लीजिए |और ऐसी जगह बैठिये जहाँ आपको कोई डिस्टर्ब न करे
एक बहुत ही प्रेरक बुक लोड कीजिये
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