"नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं"
नये वर्ष का नया सवेरा ,
कुछ ताजे ताजे फूल खिले हैं,|
दिलो में दोस्ती की महक लिए
कुछ नये नये कद्रदान मिले हैं ||
ये रंग-बिरंगे,महकते,सुगन्धित पुष्प
जो दिन रात संघर्षों में जलें हैं|
खुले अम्बर,हकीकत के तल पर
श्रृष्टि की आँखों में सपने पले हैं||
सपने बड़े सहज ,सुंदर हैंजो दिन रात संघर्षों में जलें हैं|
खुले अम्बर,हकीकत के तल पर
श्रृष्टि की आँखों में सपने पले हैं||
दिल में पाने की हसरत,हौंसले हैं
सोच,सृजन,समर्पण,लगन से
ठोकरों में सारी ,मंजिले हैं ||
मंजिले पता पूछती हैं ,उस मुसाफिर का
जिसके रात भर, दिए जले हैं |
तूफानी आधियों,सैलाबों में वह डटा हैं ,
देख जिसको ,घड़ी की सुई चले हैं||
जिसके रात भर, दिए जले हैं |
तूफानी आधियों,सैलाबों में वह डटा हैं ,
देख जिसको ,घड़ी की सुई चले हैं||
-अजय यादव की कलम से |