हम अपने भाग्य के निर्माता हैं,जो कार्य हमारे सामने हैं ,वह हमारी शक्ति से परे नही हैं तथा इसको पूरा करने के लिए जो कष्ट सहना पडेंगा,वह भी हमारी सहन शक्ति से अधिक नही हैं और जब तक हमे अपने जीवन प्रयोजन और जीतने की अजेय इच्छाशक्ति पर विश्वास हैं,कोई भी सफलता हमसे अधिक दूर नही रह सकती |{ winston churchill}
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20 October 2019
23 August 2013
जीवन हैं अनमोल रतन ! "change-change" & "win-win" {a motivational speech}
जीवन में हमेशा परिवर्तन होता ही रहता हैं |कभी हम उच्चतर शिखर पर होते हैं तो कभी विफलता के बिलकुल समीप |हमे अपने स्वप्नों की जिंदगी वाली सोंच कों हमेशा खुद पर हावी रखना हैं |हम अक्सर परिस्थितिजन्य सोंच एवं उनके दृश्यांकन में उलझे रहते हैं ,हमे बुरी दशाओं में भी अच्छी चीजों की कल्पना करने का साहस करना होंगा ,क्यूंकि हम मनुष्य हैं और अपनी खुद की दुनिया के निर्माता भी हैं |दस वर्ष की उम्र से ही हम अपने विचारों और कर्मो की वजह से भविष्य का निर्माण करने लगते हैं |
गाय दूध नही देती ,हमे उसके थन से दूध कों जिस तरह से निकलना पड़ता हैं ,उसी तरह से जीवन में से सुख,आनंद,प्रसन्नता सफलता कों निकालना पड़ता हैं |
"एक बार जंगल में कछुआ और खरगोश के बीच रेस तय हुयी |खरगोश ने साफ़ सुथरा ‘थल मार्ग’ चुना और कछुए कों सुझाव दिया |जिसे कछुए ने मान लिया ,दोनों दौड़े ..खरगोश जीत गया |कछुआ अपनी कमजोरी तो जानता था परन्तु वह अपनी मजबूती पर फोकस करते हुए उसने खरगोश कों दूसरी रेस के लिए आमंत्रित किया| दूसरी रेस के लिए उसने जो मार्ग चुना उसमे जंगल-दरिया –जंगल-दरिया –जंगल का क्रम था ,उससे खरगोश भी सहमत हुआ,क्यूंकि पहली रेस में कछुआ भी विना किसी आपति के सहमती दिया था |इस बार कछुआ जीत गया ,अब जंगल के सारे जानवर खरगोश कों चिढ़ाने लग पड़े ...अब खरगोश का जब जीना मुश्किल होने लगा तो वह दुबारा कछुए के पास आया बोला मित्र चलो एक रेस और हों जाए रेसिंग ट्रैक तो वही रहेंगा{ जंगल-दरिया –जंगल-दरिया –जंगल}..किन्तु स्ट्रेटेजी अलग आपकी बार स्थल पर तुम मेरे पीठ पर और जल में मैं तुम्हारे पीठ पर इस प्रकार से दोनों दौड़े दोनों विजेता रहे ,और जंगल के बाकी जानवरो ने दोनों के सम्मान में भोज का आयोजन किये |दोस्तों यह competetion विथ cooperation का जमाना हैं |मिलजुल कर बढ़ने का वक्त हैं |वों जमाना गया जब केवल कछुआ ही हारता था ,अब खरगोश कों कछुए से मिलजुल कर कार्य करना पड़ता हैं"|
हमारी समस्त समस्याए अल्पकालिक हैं |वे हमारे विकास के लिए हैं |दर्द एक गुरु हैं |नाकामयाबी सफलता की एक चौड़ी सड़क |हमारे चरित्र का निर्माण हमारे जीवन के कठिन अनुभवों से होता हैं |
"एक ग्वाला था ,घूम घूम कर मोहल्ले-मोहल्ले दूध बेचता था |एक घर में दूध देने गया हुआ था ,तभी शरारती बच्चों ने हैप्पी सिंह और ट्रेजेडी किंग नामक दो मेढको कों उसके दूध के डब्बों में दाल दिया |हप्पी सिंह तो अवसर की तलाश में लग गया की कब ढक्कन खुले और वह बाहर छलांग लगाये, उसने सुंदर हरि घास पर टिड्डे खाने और मेढकी के साथ अपने रोमांस के सपने देखे जबकि ट्रेजेडी किंग तो सोच लिए की अब उनका अंतिम दिन आ गया हैं,उन्होंने यमराज का विजुलायिजेसन किया और उन्होंने प्रयास भी नही किया बचने का..दूध में डूबते - उतराते भगवान कों प्यारे हों गए |दूधिया आया , पहला ढक्कन खोला,हैप्पी पहले से तैयार था कूद गया बाहर ,जब उसने दूसरा ढक्कन खोला तो उसमे उसे ट्रेजेडी किंग मरा हुआ मिला ,दूधिये ने उन्को निकाल फेका और दूध बेच दिया |दोस्तों दोनों के लिए एक सामान अवसर और परिस्थितयां थी ,पर सोच और नजरिया अलग अलग था |दोस्तों हैप्पी सिंह बनिये |हर विषम परिस्थिति एक शिक्षक हैं"|
मैंने देखा हैं की मेरे अस्पताल में कुछ लोग हमेशा रिएक्ट करते हैं ,सीनियर्स हैं इसलिए उनसे कह नही पाता की “बॉस ! रिएक्ट नही रिस्पोंड कीजिये” | मानव इतिहास में ईर्ष्या,क्रोध ,बदला लेने की भावना मानव के प्रबल शत्रु रहे हैं ,रामायण कों देखें तो कैकेयी ईर्ष्या का प्रतीक,लक्ष्मण क्रोध के एवं रावण रिवेंज के प्रतीक हैं |सारा मामला क्रोध से शुरू हुआ ,जो हजारों जीवित जीवो कों काल के गाल में ले गया |सबसे बड़ी जिम्मेदारी और टाईम मैनेजमेंट वाले गुणों के कारण हनुमान आदर के सबसे बड़े पात्र रहे ,उन्होंने कर्मठता और बहादुरी से हर बात कों निश्चित समय पर पूरा किया व् जिम्मेदारी ली |रावण ने उनकी पूछ जलाई उन्होंने उसकी लंका |कारपोरेट जगत की भाषा में “ले पंगा ..दे पंगा”|
अक्सर कुछ लोग बिना वजह इन्सल्ट करते हैं ,ह्युमिलेट करते हैं ,हम पर चिल्लाते हैं |पर दोस्तों हमारी इजाजत के बिना कोई हमारी बेइज्जत नही कर सकता,हम अपने बारे में क्या सोचते हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण हैं इस बात की तुलना में की दुनिया के लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं |यह भी महत्वपूर्ण हैं की हम अपनी क्षमताओं की तुलना में क्या कर रहे हैं ,दूसरों से अपनी तुलना हमे कदापि नही करना चाहिए हमारी दूसरी कापी इस दुनिया में हों हीं नही सकती,हम हरेक व्यक्ति का उदेश्य और धरती पर आने का परपज अलग हैं |
हमारे देश में PCR{पालिटिक्स,क्रिकेट और रेलिजन} पर सबसे ज्यादा वक्त खर्च किया जाता हैं |हम बाहरी दुनिया में इतना ज्यादा व्यस्त रहते हैं की खुद से ही नही जुड़ पाते ,जिससे हममे आध्यात्मिक खोखलापंन अंकुरित होना प्रारम्भ करने लगा हैं ,अपने मन और जीवन कों पोषित करने के लिए हमे मौन में बैठना होगा,थोडा बहुत योग और ध्यान में लगना होंगा, ध्यान से रक्त में लैक्टेज का स्तर घटता हैं |ज्यादा लैक्टेज से अनिद्रा व् चिंता होती हैं |ध्यान से DEHYDRO-EPI-ANDRO-STERONE का स्तर बढ़ता हैं जो की ब्रेन की VITALITY का सूचक हैं |ध्यान से ब्लड प्रेसर तथा कोलेस्ट्राल का स्तर कम होता हैं |आर्टेरियो-स्केलेरोसिस का खतरा भी कम होता हैं |
आपको अपने जीवन में सबसे ज्यादा संतुलित करने का कार्य आपकी जीवन-संगिनी करती हैं |कोई भी पति/पत्नी 100/100{HUNDRED OUT OF HUNDRED} तब तक नही हों सकता जब तक आप उसकी छोटी छोटी बातों के लिए प्रसंशा करना नही शुरू कर देते,हर अच्छी बात पर उसका मान बढाईये,उनके मन की सुंदरता पर जाकर जरा देखिये |कभी पत्नी जी ने स्वादिष्ट भोजन पकाएं हों और आप उनकी आँखों में आँखे डाल कर उनकी प्रसंशा में चार शब्द कह कर देखा हैं ?नही न ..आज कह कर देखिये ,{हाँ !झूठी बातों के लिए प्रसंशा नही कीजियेगा }..चमत्कार होने लग पडेंगा ,उनसे इतना ज्यादा सहयोग मिलेंगा,की जिंदगी में आप अब ५००० फुट की बजाय १५००० फुट पर कांफिडेंस से उड़ान भर सकेंगे |{हालांकि मेरी शादी नही हुयी हैं ,यह मेरे बड़े भाईयों/शादीशुदा क्लायिन्ट्स का अनुभव हैं ,की मेरा यह फार्मूला उनके लिए सुपर हिट रहा हैं ..आशा हैं ..आप सब अपने अनुभव मुझसे शेयर करेंगे }
जिस तरह स्त्री का गहना उनका मान हैं ,उनका सम्मान हैं ,उनकी देवी रूप में पूजा हैं ,उसी तरह से पुरुष का गहना उनका काम {WORK}हैं |मेरे लिए GODका अर्थ {GO ON DUTY}भी वही हैं जो मेरे सर्वोच्च हित में हैं ,दोस्तों याद रखिये हमारे लिए ईश्वर का स्वरुप वैसा होना चाहिए जो हमारे विकास और आध्यात्मिक उन्नति में मदद करे,न की दकियानूसी भावनाए,व दिस-इम्पावरिंग विश्वासों एवं कटुता तथा आतंकवाद कों बढ़ाये |
****************************
एक अस्पताल में एक बोर्ड लगा था ,जिसपर लिखा था “यहाँ एक व्यक्ति आया था ,जिसे कुत्ते ने काट लिया था ,कुछ इंजेक्सन लगे वों ठीक होकर वापस गया”...यहाँ एक व्यक्ति आया था जिसे साप ने काट लिया था ,उसकी बोडी कों जहर से मुक्त किया ,एक हफ्ते में वापस गया ....यहाँ एक व्यक्ति आया जिसे आदमी ने काट लिया था ..वर्षों से उसका इलाज चल रहा हैं आज तक ठीक नही हुआ" ...
क्या आदमी आदमी कों काट सकता हैं ?
....हा ,बुरा बोलकर ,कटु बोलकर ..शब्दों के जरिये जख्म देकर |
इलाज क्या हैं ?
हम ने इसके लिए टीका खोजा हैं ..
.#१ टीका-करन प्रक्रिया
हर सुबह सोकर उठने के बाद और सोने से पहले कई बार मन में दुहराना हैं –
“Day by Day in everyway i’m getting Better and Better”.
हर दिन ,हर तरीके से मैं और बेहतर होता जा रहा हूँ ...
एवं
मेरी दुनिया में सबकुछ श्रेष्ठ और कल्याणकारी हैं |
काटने वाली बिमारी का समूल नाश करने के लिए आईये संकल्प लें –
“मैं आज से जाने-अनजाने में किसी कों भी नही काटूँगा”..
मान लीजिए .घर से निकलते ही,कुछ दूर चलते ही ..रस्ते में हैं काटने वाले का घर...................... और आपको काट ही लिया उस कमबख्त ने , तब ....
तब आपको रिस्पोंस नही देना हैं ,कोई आर्ग्युमेंट नही करना हैं ,बल्कि खुद के बारे में दो सकारात्मक कमांड मस्तिष्क कों देने हैं |जैसे कोई कहे “डॉ अजय तुम पागल हों “तो मैं कहता हूँ “मैं जानता हूँ की मैं विशिष्ट और सुंदर मस्तिष्क वाला व्यक्ति हूँ ““मैं सकारात्मक चिंतक हूँ ,मेरे विचार हमेशा उच्चतर होते हैं”
.............................................लेखन -डॉ अजय
9 August 2013
लाल गुलाब और पहली डेटिंग
स्नेहा शर्मा मेरी फेसबुक मित्र और माईंड पावर ट्रेनर हैं , उनसे फेसबुक पर चैटिंग करते दो बरस बीत गयें हैं , वें बहुत ही सकारात्मक मित्र हैं, मैं काफी दिनों से उनसे कुछ अच्छा सीखने की उम्मीद कर रहा था और मिलने का आग्रह भी | आज इलाहाबाद का यमुना तट, सरस्वती घाट और हजारो जलती रोशनियां हमारी पहली डेटिंग के गवाह बनने वाले थे | मैं अपनी आदत के मुताबिक तयशुदा समय से पहले ही आ गया था | हेलों डियर ! सुनकर मैं चौका, वह इसी नाम से मुझे चैटिंग के दौरान संबोधित करती थी | आवाज की दिशा में मैं मुड़ा तो काले रंग का खूबसूरत सूट पहने एक बेहद खूबसूरत लड़की को अपनी ओर आते देखा, यह स्नेहा थीं ..आँखों में चमक … चेहरे पर ओज लालिमा थी व त्वचा दमक रहीं थी | सुंदर घने काले बालों का गुच्छा उनके चेहरे पर चार चाँद लगा रहा था | उस खुबसूरत लड़की कि उपस्थिति ने जैसे पुरे कायनात की गतिविधियो को रोक दिया हों |
प्रिय ! आज हमारी पहली डेटिंग हैं जिसे हमे यादगार बनाना हैं, मैंने कहा, “बिल्कुल ! आओ तुम्हे आईसक्रीम खिलाऊ” | 'नही खाती मैं यह सब'.. कहकर स्नेहा ने अधिकार पूर्वक ढंग से मेरा हाथ पकड कर सीढ़ियों कि ओर चल पड़ी, सीढ़ियों पर चलते चलते अचानक वह रुक गयी और उसने अपने जेब से एक लाल खुबसूरत गुलाब निकाला और मेरी तरफ बढा दिया .. मैं हतप्रभ था|
एक खूबसूरत लड़की से इसकी आशा इतनी जल्दी नही कर सका था | सुनों मेरे गुरु कहते हैं “इस पुष्प के केन्द्र/हृदय में टकटकी लगाकर देखो, यह लाल पुष्प जीवन की तरह हैं | इसको पाने के लिए तुम्हे राहों में काटें मिलेंगे किन्तु ध्यान रहे, तुम फूलो की तलाश में निकले हों, यदि तुम्हे अपने सपनो पर भरोसा व विश्वास हैं तो तुम कांटो से आगे बढकर फूलो का बैभव प्राप्त कर लोंगे | इसका रंग, बनावट …डिजाईन ध्यान पूर्वक देखो | इसकी सुगंध का रसपान करों और जो आश्चर्य जनक चीज तुम्हारे सामने हैं सिर्फ उसी के विषय में सोंचो, इसी तरह से तुम रोज एक गुलाब का पुष्प लेकर मस्तिष्क को शक्तिशाली व अनुशासित बना संकोंगे” |
मैं उस परी के गुलाबी होंठो से ज्ञान गंगा फूटते देखता रहा, मैं अब भी पूरी तरह से उसके सौंदर्य के प्रभाव में था | प्रिय ! तुम्हारे लिए परिवर्तनशील संभावनाओं से संपन्न जीवन जीने के लिए अपनी क्षमताओं के प्रति मस्तिष्क को सजग रखना होंगा और इसके लिए ढृढ़ इरादा करना होंगा …
"क्या मतलब" ? मैं बोला |
आओ घाट पर चलते हैं, मैं जैसा करती हूँ तुम जब आवश्यक समझना तभी विरोध करना, अपना दिमाग खाली रखो, यदि मुझ पर विश्वास हों और कुछ सीखना हों तो, मैंने सहमती में सिर हिला दिया
..घाट के पास पहुँचते ही, जल के आचमन के बाद उसने मेरा सिर पानी में डुबो दिया मैं हतप्रभ किन्तु मैंने उसे ऐसा करने दिया तबतक जबतक कि मेरी सांस नही टूटने लगी ..मैंने एक झटके से सिर बाहर निकाला और जोर जोर से साँसे लेने लग पड़ा |
..घाट के पास पहुँचते ही, जल के आचमन के बाद उसने मेरा सिर पानी में डुबो दिया मैं हतप्रभ किन्तु मैंने उसे ऐसा करने दिया तबतक जबतक कि मेरी सांस नही टूटने लगी ..मैंने एक झटके से सिर बाहर निकाला और जोर जोर से साँसे लेने लग पड़ा |
तुमको अब पता चल गया होंगा कि सांस लेने के लिए तुम्हारा इरादा १००% पक्का हैं | इस पर ध्यान दों की तुम सांस न लेने के लिए कोई बहाना नही बनाओंगे, ध्यान दो कि तुम सांस लेने के लिए कोई प्रेरणा का इन्तजार नही करोंगे, ध्यान दो की तुम साँस लेने की अपनी इच्छा को सही ठहराने कि जरूरत नही महसूस कर रहें होंगे, तुम केवल साँस लोंगे |
यही बात तुम सीधे सीधे नही कह सकती, क्या पानी में डुबोना जरुरी था? मैंने कहा
तो स्नेहा ने जवाब दिया .".हाँ डियर ! तुम्हे सही तरह से समझाना जो था" |
पक्के इरादे का मतलब हैं – कार्यवाही करना,
कोई बहाना नही, कोई लंबी चौड़ी जांच परख नही, यह कितना कठिन हैं, इसकी कोई चिंता नही, कोई डर कर पीछे हटना नही, केवल और केवल आगे ही बढ़ना….
क्या होंगा अगर कोई तुम्हे, तुम्हारे पक्के इरादे से रोंके ??
म्मम्मम…….
क्या होंगा अगर कोई तुम्हे साँस लेने से रोंके ?
मैं उस दुष्चक्र को तोड़ दूँगा,
क्यूंकि ... “जीवन का उद्देश्य ही उदेश्य पूर्ण जीवन हैं” |एक बार माईंड ट्रेनर श्री राबिन शर्मा की क्लासेज में सीखा था |
स्नेहा के साथ साथ चलते चलते अब हम नए यमुना पुल पर आ चुके थे नीचे शांत, धीर, गंभीर असीम सौंदर्यवती यमुना जी करोडो प्रकाश पिंडो की रौशनी में पुलकित किन्तु ध्यान मग्न थी | स्नेहा ने मेरा हाथ धीरे से पकड़ा और बोलीं, “तुम्हारे जैसे सकारात्मक चिंतक के साथ मेरी पहली डेटिंग हैं डियर, तुम बहुत हैंडसम हों वह तब तक इसी तरह से बोलती गयी जब तक मेरे गाल सुर्ख नही हों गए ..ठंडी हवाए स्लो मोशन में छू छू कर निकल रहीं थी अंतर्मन पुलकित और रोमांचित था …अपार उर्जा ,उत्साह ..अलौकिक वातावरण का बोध हों रहा था |मैंने कहा, “आज का यह समय जो हम और तुम साथ साथ बिता रहें हैं एक उपहार हैं मेरे लिए”जिंदगी का |
'देखो डियर मस्तिष्क एक उपजाऊ जमींन की तरह हैं और यह फले फूले इसके लिए तुम्हे इसका प्रतिदिन पोषण करना चाहिए, अपवित्र विचारों और कार्यों की जंगली घास को अपने मस्तिष्क में मत जमने दों ! अपने मस्तिष्क के द्वार पर पहरा दों | इसको स्वास्थ्य एवं मजबूत रखों | यह तुम्हारे जीवन में अलौकिक कार्य करेंगा'उसके लबों की जुम्बिश कों मैं देखता गया,उसी खूबसूरत चेहरे में खोता गया' |
यह कहकर स्नेहा मेरे करीब आ गयी ..मधुर मुस्कान के साथ अपलक मेरे आँखों में झाकने लगीं वह एक शब्द भी नही बोल रहीं थी बस पूरी तल्लीनता से आँखों में ही झांके जा रही थी, कुछ ही पलों में मुझे ऐसा लगा की मेरा हृदय कमल खिल रहा हैं, पल्लवित हों रहा हैं |मुझे उसी तरह के सुख और सुरक्षा का एहसास हुआ जैसे बचपन में माँ के स्नेह पूर्वक आलिंगन से होता था | सीधे मेरे हृदय से आवाज़ आई .”स्नेहा क्या देख रहीं हों ? बड़ा अनोखा अनुभव हों रहा हैं” ,.! डियर मैं तुम्हे अपना प्रेम भेज रही हूँ, एक मानव के रूप में तुम्हारी एक एक बात के लिए ..मेरा हृदय तुम्हारे हृदय से सीधे बात कर रहा हैं |
तुम्हारे लिए प्रिय !..यह मेरा सबसे बड़ा उपहार हैं, यह कहकर नम आँखों से, स्नेहा ने मुझे चूम लिया | देखो इस दुनिया को तुम जैसे जिम्मेदार, समझदार और स्नेही लोगों कि बड़ी आवश्यकता हैं डियर,!
हम सभी यहाँ पर किसी विशेष उदेश्य से आये हैं, अपने हृदय के अनुसार जियो यह कभी झूठ नही बोलता |
जोसेफ कैम्पबेल ने कहा हैं, “अगर तुम अपने हृदय के परमानंद का अनुसरण करते हों तो ऐसा करके तुम स्वयम को ऐसे मार्ग पर ले जाते हों, जो हमेशा तुम्हारी प्रतीक्षा करता रहा हैं और फिर तुम्हारा जीवन विल्कुल वैसा ही हों जाता हैं जैसा वास्तव में होना चाहिए | उस स्थिति में तुम्हे ऐसे लोग मिलने लगते हैं, जो तुम्हारे परमानंद के क्षेत्र में होते हैं और फिर से तुम्हारे लिए अपना दरवाजा खोल देते हैं” |
हम सभी यहाँ पर किसी विशेष उदेश्य से आये हैं, अपने हृदय के अनुसार जियो यह कभी झूठ नही बोलता |
जोसेफ कैम्पबेल ने कहा हैं, “अगर तुम अपने हृदय के परमानंद का अनुसरण करते हों तो ऐसा करके तुम स्वयम को ऐसे मार्ग पर ले जाते हों, जो हमेशा तुम्हारी प्रतीक्षा करता रहा हैं और फिर तुम्हारा जीवन विल्कुल वैसा ही हों जाता हैं जैसा वास्तव में होना चाहिए | उस स्थिति में तुम्हे ऐसे लोग मिलने लगते हैं, जो तुम्हारे परमानंद के क्षेत्र में होते हैं और फिर से तुम्हारे लिए अपना दरवाजा खोल देते हैं” |
"वाह ! क्या बात हैं", मैंने कहा |
देखो डियर भौतिक विज्ञानं के अनुसार, "यह 3D ब्रम्हांड हैं, यानी यहाँ हम जो कुछ भी बाहर निकालते हैं, वों वापस आ जाता हैं, अगर हम सकारात्मक सोचते हैं तो सकारात्मकता आती हैं और इसका उल्टा भी उतना ही सत्य हैं | इस ब्रम्हांड का निर्माण द्रव्य और उर्जा से ही हुआ हैं | हमारी सोच भी एक उर्जा हैं, विचार को शक्तिशाली जीवित वस्तुए समझो, ये भौतिक सन्देश वाहक हैं जिन्हें हम अपनी भौतिक दुनिया को प्रभावित करने के लिए भेजते हैं और सामान वस्तुए एक दूसरे कि ओर आकर्षित होती हैं | तुम्हारे विचार चुम्बक हैं जो सामान गुणधर्म वाली वस्तुओ को उसी तरह आकर्षित करती हैं जैसे सामान गति से कम्पन्न करने वाली वस्तुए एक दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करती हैं" |
'फेसबुक में चैटिंग के दौरान तुम सुबह कुछ लिखने जैसा कह रही थी' ..
यह लिखना-उखना क्या हैं ? मैंने अधीरता से पूछा |
"पढ़ाकू तुम रोज सुबह ५ प्रश्नों के उत्तर लिखो, फिर देखो, आँखे मटकाती वह बोली" !
'क्या मतलब क्या' ….कक्क क्या ?...मैं बोल पड़ा .|
इससे तुम्हे व्यापक सफलता मिलेंगी |
पहला प्रश्न हैं, अगर पता चल जाये कि यह मेरे जीवन का अंतिम दिन हैं तो मैं इसे किस प्रकार से बिताऊंगा ? दोस्तों पड़ोसियों रिश्तेदारों आदि के प्रति कैसा व्यवहार करूँगा ?
और खुद के प्रति ? मैंने पूछा |
अपने सर्वोत्तम गुणों वाले नायक के साथ जैसा व्यवहार करते डियर, वैसा खुद के साथ हमेशा व्यवहार किया करों |
दूसरा प्रश्न हैं, जीवन में मुझे किसके प्रति कृतग्य होना चाहिए ?
मैंने कहा, “कृतज्ञता जीवन में अच्छी चीजों को कई गुना बढ़ाने का सर्वोत्तम तरीका हैं”?
तीसरा प्रश्न हैं, अपने जीवन को विशिष्ट /असाधारण बनाने के लिए कौन सा कार्य आज मैं कर सकता हूँ ?
चौथा, आज मैं किसी जरूरत मंद कि मदद कैसे कर सकता हूँ ?
और पांचवा, आज के दिन को उल्लास/आनंद के साथ जीते हुए हर पल को उत्सव में कैसे बदल सकता हूँ ?
ध्यान रखो, तुम्हारा I CAN तुम्हारे I.Q. से अधिक महत्वपूर्ण हैं |
रात्री के ९ बज चुके थे हम वापस अपनी कारों कि तरफ बढ़ रहे थे | हाथ मिलाने के लिए उसने हाथ बढ़ाया तो मैंने उसका हाथ धीरे से दबा दिया और कहा, एक चीनी कहावत याद आ रहीं हैं,
बोलो डियर ……
मैंने कहा,
मैंने कहा,
“जो हाथ तुम्हे गुलाब के फूल प्रदान करते हैं उनमे थोड़ी सुगंध हमेशा
लगी रह जाती हैं”|
लगी रह जाती हैं”|
{इस लेख के लिए अपने शिक्षक श्री रोबिन शर्मा का आभार व्यक्त करता हूँ }
7 August 2013
Mind की पावर Boost करने के लिए Diet
Mind की पावर Boost करने के लिए Diet
MIND हमारे शरीर के अंगों से सीधा जुड़ा होता हैं |यह HEART से BLOOD
ग्रहण करता हैं ,तथा blood से nutrients तथा आक्सीजन |मस्तिष्क के लिए सबसे ज्यादा
शक्तिशाली खुद कों सकारात्मक आत्मसुझाव
देना हैं ,अर्थात अपनी कार्यक्षमता ,शक्ति और खुद से जुड़ी अच्छी बातों के
लिए जिससे हम प्रेम करतेहैं , खुद को बार बार याद दिलाते रहना हैं |दूसरी खास बात
हैं ,खुद कों selective बने रहने का
प्रशिक्षण देना |दुनिया में अच्छाई {प्रेम,करुना,दया,समृद्धि..इत्यादि },बुराई
{नफरत,क्रोध ..इत्यादि .}दोनों हैं |हमे अपने हार्ड डिस्क कों अच्छाईयों से भरना
हैं |अच्छाईयों के लिए सेलेक्टिव होना हैं,बुराईयां खुद ब खुद चली जायेंगी जैसे
अँधेरे के नाश के लिए दिया जलाते हैं उसी तरह से |अक्सर लोग brain
power कों boost करने के लिए भोजन के
संदर्भ में मुझसे सलाह मांगते हैं |लिहाजा
यह पोस्ट मैं लिख रहा हूँ |
फलो व सब्जियों में
antioxidants एवं minerals होते हैं ,इनमे पर्याप्त मात्रा में fibres एवं vitamins होते हैं |vitamin C अत्यन्त प्रबल
antioxidants हैं |मस्तिष्क में इसकी ज्यादा मात्र होती हैं,और यह neurotransmitter खासकर dopamine के निर्माण में भाग लेता हैं |vitamin
E कों mother of all antioxidants कहा जाता हैं ,यह mineral selenium के साथ खाने
पर stress कम करता हैं |fibers आन्त्रो
कों साफ़ कर उन्हें constipation से मुक्त
रखता हैं जिससे vital energy बढती हैं ,और mind power boost होती हैं |
brain का food केवल glucose
हैं |जो खासकर अंगूर,गुड़,चुकन्दर dry fruits आदि में होता हैं | जब blood sugar
level कम हों जाता हैं ,तब brain के functions बहुत slow हों जाते हैं |blood
sugar के normal होने पर clarity of thought {विचारों की स्पष्टता }बढ़ जाती हैं |भोजन में यदि आप fat{चर्बी ,घी ,तेल
...}की मात्रा कम लेते हैं,तो ज्यादा बेहतर रहता हैं क्यूंकि जिस blood में fat की
मात्रा ज्यादा होती हैं ,वो बेहतर circulate
नही कर पाता और blood circulation का बेहतर level, hypothalmus,pituitary के function कों
improve करता हैं ,हालाँकि गाय का घी इसका अपवाद हैं ,मेरी दादी स्वर्गीय श्रीमती
रामदेई जिनके विचारों का स्पष्ट प्रभाव आप मेरे ब्लोगिंग पर पायेंगे ,वे मुझसे
अक्सर कहती थी “गाय का घी मानसिक असंतुलन ..अर्थात उर्जा असंतुलन ,यादशक्ति कमजोर
होने पर ,और शक्ति स्थायित्व की कमी में रामबाण हैं”आधुनिक विज्ञान भी इस बात
का समर्थन करता हैं,डेयरी के उत्पादों में सबसे अच्छा दही हैं ,जो
pro-biotic तकनीक से तैयार होता हैं |जब
आप starvation diet पर होते हैं तो आपका
brain भी .. ,आपके भूखे रहने के कारण कष्ट पाता हैं,जीरो फिगर के लिए
डायटिंग कर भूखा मरने से बचे...मस्तिष्क आपको दुवाये देंगा|
एक कहावत हैं ‘eat your
protien first,before you touch carbohydrates’.....हर प्रकार की दालें
,जई{oat},oat flour,aot meal,oat milk,dried beans....अखरोट,बादाम कों भोजन में
शामिल करना चाहिए |कुछ soya products कम fat वाले होने के साथ साथ उच्च amino
acids युक्त होते हैं ,जो neurotransmitters के समुचित संचालन हेतु आवश्यक होते
हैं |प्रोटीन के अच्छे विकल्पों में मछली और अलसी का तेल भी हैं ,जिनमे
ओमेगा-३ fatty acids भी होते हैं |सेब,संतरा
,गुलाब जल,अदरक,लीची ,मछली ,गाय का दूध ,लहसुन ,जिनसेंग आदि उत्तम आहार हैं |
जिनसेंग मस्तिष्क की
क्रिया कों नोर्मल करता हैं |यह heart beat,b.p.,और blood sugar के स्तर कों
सामान्य बनाये रखने में मदद करता हैं साथ ही endocrine activity तथा metabolism
क्रिया कों चुस्त-दुरुस्त रखता हैं |यह drugs,alcohal,chemotherapy,एवं अन्य
टोक्सिन के प्रति प्रतिरोधी भी हैं|इसका भी इस्तेमाल ब्रेन के उत्तम स्वास्थ्य के लिए होता
हैं |
Ginkgo Biloba{cognitive
inhancer}brain cells में acetylcholine recepter
की संख्या कों बढ़ाने में सहायता प्रदान करता हैं जिससे memory,thinking,विश्लेषण व
reasoning,तथा मानसिक सजगता बढती हैं |यह brain में blood circulation कों बेटर करता हैं |
आजकल
बाजार में प्रोसेस्ड फूड्स की भरमार हैं |इनकी क्वालिटी पर भरोसा नही किया जा सकता
,न ही इनके निर्माताओ के तरफ से तैयार की गयी विज्ञापनों पर |डिब्बा बंद भोजन ,नुक्सान
देह होते हैं इनसे कोलाईटीस का खतरा रहता हैं ,जो की एक गंभीर आंत्रीय रोग हैं |
memory कम या ज्यादा नही होती
यह सिर्फ trained या untrained होती हैं ,
:) अगली बार जब भाभी जी {आपकी धर्मपत्नी }या भैया
जी {आपके पति} आपसे कहें की “जब भगवान बुद्धि बाँट रहे थे तो तुम कहा थे/थी ...तो
कदापि मत कहियेंगा ,की “तुम्हारे साथ फेरे ले रही थी/रहा था “....| :)
बल्कि खुद कों अच्छी मेमोरी के लिए ट्रेन करना हैं ,ऐसा संकल्प किजियेंगा ,भाई मैं तो अभी से प्रैक्टिस करने लगा हूँ ..:)
बल्कि खुद कों अच्छी मेमोरी के लिए ट्रेन करना हैं ,ऐसा संकल्प किजियेंगा ,भाई मैं तो अभी से प्रैक्टिस करने लगा हूँ ..:)
लेखन -डॉ अजय
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तेरा एहसान हैं बाबा !{Attitude of Gratitude} आईये सोचिये ...पिछली बार आप कब किसी चीज के प्रति आभार व्यक्त किये थे ?क्या आप अपने जीवन क...
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मैं लगातार मिलने वाली असफलता से टूट चूका था ,पढाई से कोसो दूर....... हर परीक्षा में फेल .....,समझ में नही आता था की मेरा लक्ष्य क्या हैं ?...