इलाहाबादनामा-२
“प्रयागम् प्रवेशस्यु पापं नाशवाति तत्क्षणम्”
वों बड़ी मासूम थी,मुश्किल से दस साल की रही
होगी,साथ में उसकी बड़ी बहन भी थी |बेथनी कान्वेंट जैसे स्कूल की छात्रा थी,जिसने
तृप्ति शाक्या,नेहा सिंह जैसी गायिकाओ कों निखारा,जिन्होंने इलाहाबाद का नाम रोशन
किया|पिता २४ घंटो वाली पुलिस की नौकरी में हैं ,बेटियो कों लेकर पैरेंट्स के
बड़े अरमान थे,बेटियां ही उस दम्पति की सब कुछ थी|एक दिन स्कूल से लौटते समय एक
ट्रैक्टर ड्राईवर की लापरवाही से रामनगर चौराहे {अरैल के पास }बेचारी कुचली
गयी,सिर्फ उनके अरमान ही नही,बहुत कुछ खत्म हुआ जिसे कभी भी लौटाया नही जा सकता |हर
इलाहाबादी चाहता हैं की उसके बच्चे सेफली घर आये....जाए,पर पिछले कुछ वर्षों से
मासूमो की जान पर बन आई हैं |गली गली में पावर बाईक से फर्राटे भरने वाले टीनेजर
या लफंगे,कानून को ताक पर रख गाडिया उडाकर चलाते हैं |विकास के बदलाव के साक्षी इलाहाबाद
के गली मुहल्लो में चलने वाली बालू की लारियों ,मिटटी लदे ट्रैक्टर,या अश्लील गाने
बजाते तिपहिया टैम्पू इन सबके लिए यातायात विभाग कों जगह जगह सड़क किनारे चमकदार होर्डिंग्स टांग
देनी चाहिए “इलाहाबाद उत्तर प्रदेश
के दक्षिण में 25.45’N,.....81.84’E व समुद्र तल से 98 मीटर {322 फीट} ऊपर हैं
कृपया गाड़ी धीमे उडाये,वरना किसी मासूम की जान पर बन सकती है” और इलाहाबाद में किसी एक व्यक्ति कों नही ,बल्कि पूरे शहर कों गुस्सा आता हैं |