27 October 2012

रहस्य :व्यक्तिगत कायाकल्प का {भाग -१}

रहस्य :व्यक्तिगत कायाकल्प का {भाग -१}
मित्रों !मैंने पढ़ा हैं की सन १८५९मे जेनेवा के डॉ .एमिल कुए के क्लिनिक में सवास्थ्य लाभ की दर अन्य अस्पतालों या क्लीनिको की तुलना में पांच गुनी अधिक पायी गयी थी |वे हर मरीज को यह कहना सिखाते थे “हर दिन हर तरीके से मैं बेहतर और बेहतर महसूस कर रहां हूँ “|
उनके क्लिनिक में डॉ और नर्स हर मरीज का यह कहकर अभिवादन करतें थे “हर दिन हर तरीके से आप बेहतर और बेहतर दिख रहें हैं”
बाद में जर्मन डॉ शुल्ज ने ,जों की एक मनोचिकित्सक भी थे उन्होंने देखा की व्यक्ति खुद से बात करते समय जितनी शान्ति से कहता था की “हर दिन हर तरीके से मैं बेहतर और बेहतर महसूस कर रहा हूँ”उतनी ही जल्द वह स्वास्थ्य प्राप्त कर रहा हैं |डॉ शुल्ज एक मनोचिकित्सक थे और वे डिप्रेसन ,न्युरासिस ,तनाव उन्मूलन पर कार्य कर रहें थे |
डॉ शुल्ज ने अंततः आटोजेनिक कंडीशनिंग की परक्रिया विकसित की ..जिसे आप आगामी लेखो में पढेंगे …. विश्व भर के अनेक सेमिनारों में शामिल होकर मैंने भी कुछ चीजे सीखी हैं …और इन पर शोध जारी हैं …….इन चीजों को ही प्रश्नोत्तर के रूप में पेश कर रहा हूँ :-
प्रश्न १]
अपने अवचेतन मन का प्रयोग कैसे करें ?
उत्तर-
यहाँ ५ कदमो की एक प्रक्रिया हैं .जिसका इस्तेमाल आप मनचाहे मानसिक,शारीरिक,भावनात्मक परिणाम पाने के लिए कर सकतें हैं |
१]अपने मनचाहे परिणाम को [जिसे आप पाना चाहते हैं ]को शब्दों में व्यक्त कीजिये और उसे पाने का संकल्प कीजिये |
आपका कथन इच्छित परिणाम या अंतिम अवस्था का स्पष्ट वर्णन होना चाहियें |विवरण में ही ना उलझें रहें |
२]आप उस स्थिति में जों परिणाम चाहतें हैं ,उसकी मानसिक तस्वीर बनाएँ और उसे स्पष्ट रूप से देखें |खुद को और हर शामिल व्यक्ति को परिणाम के साथ खुश देखना जरूरी हैं |
३]अपने संकल्प और मानसिक तस्वीर को भावनात्मक बनाएँ |वह “भावना”पैदा किजीयें जों आप सुखद परिणाम पाने पर सचमुच महसूस करेंगे|
कल्पना कीजिये की आप सफल हों गयें हैं और लक्ष्य प्राप्त हों गया हैं |
४]स्थिति को पूरी तरह से मुक्त कर दीजिए …इसे इस स्थिति में छोड़ दें ,जैसे किसी विश्वशनीय व्यक्ति ने आपको ये आश्वासन दे दिया हों की वह इसे संभल लेंगा और आपको इसके बारे में दोबारा सोचने की जरूरत नही हैं |
५]प्राप्ति ,लक्ष्य का मिलना |
                                  अपने लक्ष्यों को,सपनो को जल्दी कैसे साकार करे ?
                                                                मानसिक तकनीकें
प्रश्न २]क्या अपने लक्ष्यों को लिखकर,संकल्प करके उन्हें और जल्दी प्राप्त कर सकतें हैं ?
उत्तर :-
           जी हाँ |
वर्तमान काल में अपने मुख्य लक्ष्यों को ,उद्देश्यों को स्पष्ट वर्णन के साथ लिखिये |ठीक वैसा ही जैसा आप उसे हकीकत में देखना चाहतें हैं |आप इस वर्णन को जितना भी लंबा या छोटा रखना चाहते हों रख सकते हैं |यह संक्षिप्त भी हों सकता हैं विस्तृत भी |
अपने लक्ष्य लिखने के बाद पेन नीचे रख दीजिए |अपनी आँखे बंद कर दीजिए ,गहरी सांस लीजिए और अपने लक्ष्य की मानसिक तस्वीर इस तरह बनाईये की जैसे यह हांसिल हों चुका हों या दिन भर की घटनाओं के संतुष्टि से सुलझने की मानसिक तस्वीर देखें |मानसिक तस्वीर देखते वक्त वह भावना पैदा कीजिये,जों सफलता के बाद मिलतीं हैं |लक्ष्यों की उपलब्धि पर मिलन वाली खुशी का मुस्कुराते हुए आनंद लीजिए |फिर इसे पूरी तरह से मुक्त कर दीजिए छोड़ दीजिए …..असीमित सत्ता के लिए |अपनी आँखे खोल लीजिए और अपना दिन शुरू कीजिये |
लिखना अपने अवचेतन मन पर अपने अक्ष्यो की छाप छोड़ने का सबसे सशक्त तरीका हैं |आप अपने लक्ष्यों को जितनी बार लिखते हैं ,वे उतनी ही ज्यादा तेजी से हांसिल होते हैं |
लक्ष्यों को कैसे लिखें?एक स्पायिरल नोटबुक लें .,उसमे हर दिन अपने लक्ष्य लिखियें |इसमें सिर्फ कुछ मिनट का समय लगता हैं किन्तु इससे आपकी प्रोग्रम्मिंग कई घंटो आगे की हों जाती हैं |अपने लक्ष्यों को बार बार लिखने से आपको पहले से ज्यादा विश्वास होने लगता हैं |की उन्हें हांसिल किया जा सकता हैं |जब आपका विश्वास गहरा होता जाता हैं और आत्मविश्वास बढ़ता हैं तो आप लक्ष्यों को पाने के अवसरों को बढ़ा देतें हैं और law of attraction को सक्रिय कर देतें हैं |इसके बाद लक्ष्य आपको प्राप्त होने लगतें हैं |
प्रश्न ३]standard affirmation technique क्या हैं ?
उत्तर :-इसमें आप तीन से पांच इंच के इंडेक्स कार्ड पर अपने लक्ष्यों को बड़े बड़े अक्षरों में लिख लेते हैं …………..वर्तमान काल में और स्पष्ट शब्दों में |
इस विधि का उपयोग सुबह और रात्रि को कीजिये …कोई इसी जगह बैठिये जहां आपको कुछ मिनटों तक कोई डिस्टर्ब ना करें |शरीर को शीथील कीजिये और मस्तिष्क को तैयार करने के लिए गहरी गहरी साँसे लीजिए ..और छोडिये ….
अपना पहला लक्ष्य[कार्ड]पढ़िए,आँखे बंद करके इसे ५ बार दुह्रारायियें,लक्ष्य की मानसिक तस्वीर इस तरह से देखिये जैसे यह हांसिल हों चुका हों |कल्पना करें की वह लक्ष्य इस समय हांसिल हों चुका होता तो आप कैसे चलते ,बात करते और काम करतें |लक्ष्य की अपनी इस तस्वीर में भावना ,खुशी व् वह सुख भारियें जों आपको लक्ष्य प्राप्त होने पर मिलेंगी |
फिर एक और गहरी सांस लीजिए …और छोडिये और लक्ष्य को आत्मविश्वास से मुक्त किजीयें |अपने हर लक्ष्य के साथ ही ऐसा ही कीजिये |आपका अवचेतन मन इस तरीके से एक बार में बीसों लक्ष्यों पर सफलता पूर्वक कार्य कर सकता हैं |
प्रश्न ४] standard affirmation technique का इस्तेमाल सुबह शाम दो बार करने की कोई विशेष वजह ?
उत्तर ;-जी हाँ |वैसे आप चाहे तो केवल सुबह या शाम भी ,इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकतें हैं |
सुबह बाहर निकलने या अपने काम पर जाने से पहले आप अवचेतन मन को प्रबल संकेत भेजते हैं |परिणाम स्वरूप आपका अवचेतन मन आकर्षण का नियम सक्रिय कर देता हैं और दिन भर के लिए आपकी जागरूकता बढ़ा देता हैं |ताकि आप अपने आस पास हों रही घटनाओं को देखकर एक या अधिक लक्ष्य पूरा करने के अवसर को ताड़ लें |
इसी तरह से रात को सोने से पहले आप अपने अवचेतन मन को रात में लक्ष्यों पर काम करने का निर्देश दे देतें हैं ,अक्सर सुबह जागने पर आपका अवचेतन मन आपको सही विचार और समाधान सुझा देता हैं | क्रमशः………………….
-अजय यादव {ajayyadav@myself.com]

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