25 February 2023

टर्निंग प्वाइंट

 टर्निंग प्वाइंट

(लघुकथा)

"सर बहुत संघर्षों के बाद आप यहां तक पहुंचे हैं"इंटरव्यू का पहला सवाल मैंने पूछा,इंजीनियर साहब से।

इंजीनियर दत्ता ने गहरी सांस लिया और बोलें"बीस साल पहले में भैंस चराया करता था,कक्षा 10 में था ,तभी मेरे एक आईपीएस रिश्तेदार गांव आए थे ,लौट रहें थे, मैं पगडंडी पर अपनी भैंसे लेकर आ रहा था,उन्होंने नीली बत्ती वाली एंबेसडर कार की खिड़की से सिर निकाल कर पूछा "पढ़ोंगे"...

.मैंने कहा "बहुत ".

फिर उन्होंने कहा चलो ......बस्ता बांधो,

हालांकि मेरे पिता जी गरीब किसान थे,वे शहर पढ़ने नहीं भेज सकते थे,लेकिन उस देवात्मा ने हमे थोड़ा सपोर्ट(आर्थिक मदद/पुस्तके वा फीस जमा) कर दिया , मेरी अच्छी नींव बना दी,जिस पर आज मैं बढ़ा हूं....बाद में मैं ट्यूशन पढ़ाकर आगे बढ़ा ।उनकी की गई मदद मेरे जीवन का सबसे टर्निंग प्वाइंट साबित हुई।आज उनकी वजह से मेरा और मेरे परिवार का जीवन स्तर ,शिक्षा,आर्थिक स्थिति सब वो हैं,जो हम सोच नही सकते थे । उन्होंने सैकड़ों के जीवन को बदला हैं, पारस मणि हैं वें,भगवान सरीखे हैं मेरे लिए।

इंजीनियर दत्ता कहते कहते भावुक हों रहें थे, मैंने उन्हें पानी का ग्लास पकड़ाया।

मैं सोचने लगा ...काश हर ऊंचे ओहदे(सक्षम) का व्यक्ति,किसी संघर्षशील पथिक को इतना किक(मदद) दे दे की उसकी जिंदगी में बदलाव आ जाएं,तो दुनिया और खूबसूरत हो जायेंगी।

डॉक्टर अजय यादव

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