प्रिय मित्रों ,
इस ब्लॉग पर आप हमारे विचार ,कविताएं ,कहानिया पढ़ सकते है |इसके अलावा रसायन से सम्बंधित ढेरो जानकारिय आपके लिए मै उपलब्ध करता रहूँगा ,आप हमशे जुड़े रहिये ,मेरे कुछ अपने सिद्धांत है ,जिनको मै लाइफ में अनुसरण करता हू ,चूँकि आप मेरे ब्लॉग पढ़ रहे है यानी आप मुझमे रूचि ले रहे है -
१]शक्ति का केन्द्र हमेशा वर्तमान होता है यानि की यदि हम बदलाव चाहते ही तो अभी से शुरुवात करनी होंगी |
२]हम जो है उसके लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है केवल हम जिम्मेदार है ,हम जो है ,जैसे है वह केवल इसीलिए है की हम अपने बारे में वैसा सोचते है ,हम अपना विचार बदल ले तो खुद बा खुद हममे परिवर्तन दिखने लगेगा ,क्यूंकि हमारा अवचेतन मस्तिष्क हमेशा कार्य करता रहता है ,
३] बिमारी क्या है?
बिमारी वह अवस्था है जो हमारी सोच या खुद को विशेष प्रकार से असहाय घोषित करने का परिणाम है,हम खुद को सकरात्मक विचारों से भरा हुआ रखे ,लगातार सकारत्मक कार्य से करे ,तो हमारी प्रतिरोधक छमता तो बढ़ेगी ही,हम बीमार भी नहीं होंगे ,हर विमारी किसी ना किसी रूप में
हमारी कही ना कही नकारात्मक सोच को प्रदर्शित करती हैं|
४]हर घटना/दुर्घटना जो हमारे जीवन में घटित होती ही हमारी सोच का परिणाम होती हैं ,हम चाहे तो सब बदल सकता है,किन्तु बदलाव सिर्फ अपने हाथ में होता है दोस्त ,
५]भगवान के पास एक डायरी है जिसमे सिर्फ एक सब्द है -------
तथास्तु ,
अगर हम कहे की मुझे बहुत सुख है तो भगवान उपर से कहते हैं -तथास्तु
अगर हम कहे की मुझे बहुत दुःख है तो भगवान कहते है --तथास्तु ,
आप सोचो आप को किस जगह तथास्तु भगवान से चाहिए ,आप इसी तरह जो भी सोचते हो हर जगह तथास्तु पा जाते हो ९०% तो गलत जगह तथास्तु करवा लेते हो ,आप सब सकारात्मक कहानिया कविताएं पोस्ट पढ़ना चाहते हो ,आपका स्वागत है
रसायन का एक सिध्हांत -------------------------------------------------------------------------है ,"जो जैसा होता है ,वैसे को घोलता है "
अर्थात ध्रुवीय यौगिक है तो ध्रुवीय में घुलता है .
अध्रुविय है तो अध्रुविय में घुलता है ,जैसे पेट्रोल पानी में नहीं घुलता है ,
वैसे समाज में लोग होते है ,अछे लोग अच्छेलोगो में बुरे लोग बुरे लोगो में रहते है खुद को पहचाने ,आप कहा है , और किस के संगत में है,
१]शक्ति का केन्द्र हमेशा वर्तमान होता है यानि की यदि हम बदलाव चाहते ही तो अभी से शुरुवात करनी होंगी |
२]हम जो है उसके लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है केवल हम जिम्मेदार है ,हम जो है ,जैसे है वह केवल इसीलिए है की हम अपने बारे में वैसा सोचते है ,हम अपना विचार बदल ले तो खुद बा खुद हममे परिवर्तन दिखने लगेगा ,क्यूंकि हमारा अवचेतन मस्तिष्क हमेशा कार्य करता रहता है ,
३] बिमारी क्या है?
बिमारी वह अवस्था है जो हमारी सोच या खुद को विशेष प्रकार से असहाय घोषित करने का परिणाम है,हम खुद को सकरात्मक विचारों से भरा हुआ रखे ,लगातार सकारत्मक कार्य से करे ,तो हमारी प्रतिरोधक छमता तो बढ़ेगी ही,हम बीमार भी नहीं होंगे ,हर विमारी किसी ना किसी रूप में
हमारी कही ना कही नकारात्मक सोच को प्रदर्शित करती हैं|
४]हर घटना/दुर्घटना जो हमारे जीवन में घटित होती ही हमारी सोच का परिणाम होती हैं ,हम चाहे तो सब बदल सकता है,किन्तु बदलाव सिर्फ अपने हाथ में होता है दोस्त ,
५]भगवान के पास एक डायरी है जिसमे सिर्फ एक सब्द है -------
तथास्तु ,
अगर हम कहे की मुझे बहुत सुख है तो भगवान उपर से कहते हैं -तथास्तु
अगर हम कहे की मुझे बहुत दुःख है तो भगवान कहते है --तथास्तु ,
रसायन का एक सिध्हांत -------------------------------------------------------------------------है ,"जो जैसा होता है ,वैसे को घोलता है "
अर्थात ध्रुवीय यौगिक है तो ध्रुवीय में घुलता है .
अध्रुविय है तो अध्रुविय में घुलता है ,जैसे पेट्रोल पानी में नहीं घुलता है ,
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