अक्सर दुनिया में जब कोई हमारे मन मुताबिक कार्य नही करता तो हमे stress होने लग जाता हैं ,चाहे भीड़ भाड़ में ,ट्रैफिक से stress हों या दोस्तों से बात-चीत के दौरान |आज इस लेख में हम सिर्फ इतना जानेंगे की stressसे नुक्सान क्या क्या हैं ?आज सिर्फ इसी पर हम आपसे चर्चा करेंगे |
हमारे घरों में बिना वजह के stress क्रियेट करने का
मुख्य कार्य टीवी करता हैं |टीवी यानी बुद्धू बक्सा brainकों निष्क्रियता की राह दिखाने के साथ साथ
समझने की क्षमता {काग्नीटिव स्किल्स}भी कम
करता हैं ,मेरे निजी विचार से,ऐसे घर में जहां स्कूल या कालेज गोइंग युवा ज्यादा हों ,उस घर में टी वी होना ही नही चाहिए क्यूंकि समाचार चैनेल्स अब निष्पक्ष राय नही देतें |
जब ज्यादा stressहोता हैं तो नींद कम
आती हैं ,जिससे किसी चीज पर concentrate करने की क्षमता कम हों जाती हैं |
Stress जब बढता जाता हैं तो brain सेल्स में Glutamate Receptors बढ़ने लगता हैं
,जो की Brainके कार्यों कों अवरोधित करने के साथ साथ brainसेल्स की मृत्यु के लिए भी जिम्मेदार हैं
|
बढते तनाव से “लडो या भागो” हारमोन स्रावित होता हैं |बैज्ञानिको ने
पाया हैं की Hydro-corticosone ,मष्तिष्क के हिप्पोकैम्पस कों डैमेज करता हैं |’हिप्पोकैम्पस’
याद शक्ति और सीखने का सेंटर हैं |hydrocorticosone के ज्यादा श्रावण से brain साईज घटने का खतरा
रहता हैं |
तनाव में कुछ neurotransmitter जैसे नोरेपिनेफ्रिन या सीरोटोनिन भी स्रावित हों सकते हैं |जो तीक्ष्ण विचार शक्ति
कों बढ़ाते हैं ,परन्तु ज्यादा यूज होने पर इनका भंडारण खतरे में पड जाता हैं |
अब बात करें दवाओ की तो जान
लीजिए की एस्पिरिन जो की सभी द्वारा
universally accepted सुरक्षित दवा मानी जाती हैं ज्यादा मात्रा में brainके लिए poison का
कार्य करती हैं |कुछ potentially toxic या poisonous drugs में BARBITURATES,Bromides,Benzodiazopama,phenothiaz,Haloperidol,lithium
आदि मस्तिष्क के लिए जहरीली हों सकती हैं |
नीद लाने के लिए खाने जाने वाली दवाए stress कों रिमूव करने के लिए alprazolam या
trika सरीखी दवाएं रेगुलार लेते रहने से इनकी habbit पड़ने की आशंका रहती हैं |कई परिस्थितियों में ये दवाए रोगी के लिए वरदान भी सिद्ध होती हैं |
मैं तो वही कहूँगा जो गोल्फ के महान खिलाडी “बेन होगांन” ने कहा था...
“जैसे-जैसे आप जीवन की राह में आगे बढते जायेंगे ,आपको रास्ते के गुलाबों कों जरुर सूंघना
चाहिए ,क्यूंकि यह बाज़ी सिर्फ एक बार आपके हाथ में आई हैं” |
“जैसे-जैसे आप जीवन की राह में आगे बढते जायेंगे ,आपको रास्ते के गुलाबों कों जरुर सूंघना
चाहिए ,क्यूंकि यह बाज़ी सिर्फ एक बार आपके हाथ में आई हैं” |
note:-यह लेख तनाव पर लिखे जाने वाले लेखो की श्रृंखला में एक कड़ी हैं , लेंखो में वर्णित दवाओ और सलाह हर व्यक्ति के लिए भिन्न भिन्न हों सकती हैं,आप अपने डॉ से संपर्क किजीयें |
बात तो आपकी सही है. पहले ativan बाद में trika पिछले 25 साल से ले रहे हैं.
ReplyDeleteडाक्टर का कहना था कि जितना नुक्सान लेकर होगा उससे ज्यादा नुक्सान बिना लिये हो जायेगा तबसे अन्य दवाओं के साथ निरीह भाव से गटक लेते हैं.
वैसे खाली स्ट्रेस के लिये लेना तो खतरनाक ही होता होगा पर उचित कारण हों तो डाक्टर के परामर्श अनुसार लेने में ही भलाई है.
रामराम.
आदरणीय ताऊ ,
ReplyDeleteसादर प्रणाम |
विल्कुल सहमत हूँ ताऊ जी,
लगभग १५ वर्षों से मेरे पिता जी भी इसका सेवन कर रहे हैं |
आपकी उपर्युक्त बात से १०० फीसदी सहमत हूँ |
रोचक आलेख
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