आज शिक्षक दिवस हैं |शिक्षक दिवस पर मैं अपने समस्त शिक्षको और छात्रो को बधाई देता हूँ , छात्र भी बहुत कुछ सिखाते हैं |
सुबह सुबह मेरे प्रिय छात्र ई.धीरेन्द्र का मैसेज पढ़ा ,दिल से निकले चंद शब्द ,भावनाए बड़ा सुखद एहसास कराती हैं |आज जब कोई छात्र IIT या MBBS इंट्रेंस क्लियर करता हैं तो लगता हैं की यह खुद अपनी सफलता हैं ,एक्चुअल में यह खुद मेरी सफलता होती हैं ..क्यूंकि देश के बड़े बड़े कालेजों में पढ़ना मेरा सपना था किन्तु मैं खुद एक समय में एक डिग्री के लिए एक ही जगह पढ़ सकता था .जब मेरे छात्र इन बड़े कालेजो (IITs या मेडिकल)में जाते हैं,तो ऐसा लगता हैं की मैं वहाँ भी पहुच गया ,हर छात्र को सफलता दिलाना मेरा पर्सनल मिशन होता हैं “
आज इस मौके पर मैं हर छात्र से कहना चाहता हूँ की तुम्हारा “I Can”तुम्हारे “IQ” से ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं |तुम अपनी परिस्थितिओं से ऊपर हों,ड्रीमर बनों,...जहाँ तक सोच सकते हों हासिल भी कर सकते हों ,पर ध्यान रखना मानव का मन एक समय में केवल एक ही चीज पर फोकस कर सकता हैं,तुम्हे भी एक ही चीज पर फोकस करना होंगा तभी आशातीत सफलता प्राप्त कर सकोंगे |हर दिन 60000 विचार आते हैं,फ़ालतू ,गैर जरुरी विचारों पर ध्यान न दो ,भले ही वे अछे विचार क्यूँ न हो ,ध्यान दो केवल उसी विचार पर जो तुम्हे तुम्हारे लक्ष्य की तरफ ले जाए ,अपने मन को इस तरह ट्रेनिंग दो, की वह सिर्फ इन्ही विचारो को जगह दे ,विचार उर्जा हैं ,फोटान जैसे हैं ...उर्जा के करेस्पोनडेन्स जो फ्रिक्वेंसी हैं ,ब्रम्हांड की उस फ्रिक्वेंसी की अन्य चीजे भी आकर्षित होती हैं | विचार ही हमसे कार्य करवाते हैं इसलिए विचारो की गुणवत्ता से समझौता न करना |
लक्ष्यों के पीछे भागते भागते यंत्रवत ही मत हो जाना ,कड़ी मेहनत से मन और शरीर सुधारो,आत्मा को बलवान बनाओ ,जिन कामो को करने से डरते हों उन्हें करों ,असीम उर्जा और अनंत उत्साह के साथ जीना प्रारम्भ करो ,सूर्य को उगते देखो,बरसात में नृत्य करों,ऐसा व्यक्ति बनो जैसा बनने का तुम स्वप्न देखते हों |
तुम कोई शंका मत रखना ,कोई डर मत पालना ,डर मन की निर्मित चेतना की नकारात्मक धारा के शिवा कुछ नही हैं ,कोई चीज तुम बनाते हो ,तो उसे नष्ट भी कर सकते हों,हर निर्मित वस्तु की तरह डर को भी मन में पोषित करते हो, तुम इसको नष्ट कर दो, इससे उपर उठो ...और अपने कठोर परिश्रम और स्मार्ट वर्किंग पर भरोसा रखते हुए सफलता की ओर अग्रसर रहो ,हार्दिक शुभकामनाये|
सुबह सुबह मेरे प्रिय छात्र ई.धीरेन्द्र का मैसेज पढ़ा ,दिल से निकले चंद शब्द ,भावनाए बड़ा सुखद एहसास कराती हैं |आज जब कोई छात्र IIT या MBBS इंट्रेंस क्लियर करता हैं तो लगता हैं की यह खुद अपनी सफलता हैं ,एक्चुअल में यह खुद मेरी सफलता होती हैं ..क्यूंकि देश के बड़े बड़े कालेजों में पढ़ना मेरा सपना था किन्तु मैं खुद एक समय में एक डिग्री के लिए एक ही जगह पढ़ सकता था .जब मेरे छात्र इन बड़े कालेजो (IITs या मेडिकल)में जाते हैं,तो ऐसा लगता हैं की मैं वहाँ भी पहुच गया ,हर छात्र को सफलता दिलाना मेरा पर्सनल मिशन होता हैं “
आज इस मौके पर मैं हर छात्र से कहना चाहता हूँ की तुम्हारा “I Can”तुम्हारे “IQ” से ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं |तुम अपनी परिस्थितिओं से ऊपर हों,ड्रीमर बनों,...जहाँ तक सोच सकते हों हासिल भी कर सकते हों ,पर ध्यान रखना मानव का मन एक समय में केवल एक ही चीज पर फोकस कर सकता हैं,तुम्हे भी एक ही चीज पर फोकस करना होंगा तभी आशातीत सफलता प्राप्त कर सकोंगे |हर दिन 60000 विचार आते हैं,फ़ालतू ,गैर जरुरी विचारों पर ध्यान न दो ,भले ही वे अछे विचार क्यूँ न हो ,ध्यान दो केवल उसी विचार पर जो तुम्हे तुम्हारे लक्ष्य की तरफ ले जाए ,अपने मन को इस तरह ट्रेनिंग दो, की वह सिर्फ इन्ही विचारो को जगह दे ,विचार उर्जा हैं ,फोटान जैसे हैं ...उर्जा के करेस्पोनडेन्स जो फ्रिक्वेंसी हैं ,ब्रम्हांड की उस फ्रिक्वेंसी की अन्य चीजे भी आकर्षित होती हैं | विचार ही हमसे कार्य करवाते हैं इसलिए विचारो की गुणवत्ता से समझौता न करना |
लक्ष्यों के पीछे भागते भागते यंत्रवत ही मत हो जाना ,कड़ी मेहनत से मन और शरीर सुधारो,आत्मा को बलवान बनाओ ,जिन कामो को करने से डरते हों उन्हें करों ,असीम उर्जा और अनंत उत्साह के साथ जीना प्रारम्भ करो ,सूर्य को उगते देखो,बरसात में नृत्य करों,ऐसा व्यक्ति बनो जैसा बनने का तुम स्वप्न देखते हों |
तुम कोई शंका मत रखना ,कोई डर मत पालना ,डर मन की निर्मित चेतना की नकारात्मक धारा के शिवा कुछ नही हैं ,कोई चीज तुम बनाते हो ,तो उसे नष्ट भी कर सकते हों,हर निर्मित वस्तु की तरह डर को भी मन में पोषित करते हो, तुम इसको नष्ट कर दो, इससे उपर उठो ...और अपने कठोर परिश्रम और स्मार्ट वर्किंग पर भरोसा रखते हुए सफलता की ओर अग्रसर रहो ,हार्दिक शुभकामनाये|
No comments:
Post a Comment