शादी कब करें ?
हमारे देश में इस विषय में उम्र के सिवाय कोई नियम नही हैं ,लड़की की उम्र १८ या अधिक ,तथा लडके की २१ या अधिक होनी चाहिये ,मेरे ख्याल से जब कोई व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व हों तभी उसे विवाह करना चाहिये |क्यूंकि विवाह से अनेक जिम्मेदारियाँ आती हैं ,अपने साथ साथ परिवार की भी जरूरतें पूरी करनी होतीं हैं |
आधुनिक समाज का सबसे सकारात्मक बदलाव ये हैं की लड़किया/लडके मनपसंद साथी चुन सकते हैं |जीवन साथी चुनाव के समय दिल और दिमाग दोनों का इस्तेमाल करना चाहियें |
किसी को केवल दिल या कुंडली के आधार पर नही चुनना चाहियें ,शादी करने से पहले खुद को अच्छी तरह से जान लेना जरूरी हैं .की आपकी अवश्यकताएँ क्या हैं ?आपकी इच्छाएं क्या हैं ?आप किस प्रकार का जीवन साथी चुनना चाहतें हैं ?
हम प्रेम में हैं तो क्या हमें शादी कर लेनी चाहिये?
अक्सर मुझसे लोग सवाल करतें हैं |
मैं कहता हूँ -“नही”|
केवल प्रेम ही शादी का एकमात्र कारण नही होना चाहियें,बल्कि अच्छी शादी का परिणाम प्रेम होना चाहिये |जब अन्य सभी तत्व [INGREDIENTS] सही होते हैं ,तो प्रेम खुद बा खुद आ जाता हैं |
रिश्तों को बखूबी पोषित करने के लिए सिर्फ प्रेम ही पर्याप्त नही हैं.................... बल्कि ..Caring,Sharing………..Understanding…….Loyalty……Taking Responsibility………flexibility भी जरूरी तत्व हैं |
शादी के लिए आदर्श CRITERIA क्या हों ?
सफल शादी की नीव शादी वाले दिन के काफी पहले ही रख दी गयी होतीं हैं ,यह आपका जीवन हैं ,मैं फिर कहूँगा की सबसे पहले आप खुद को जानियें फिर निर्धारित कीजिये की आपको कैसा जीवन साथी चाहियें ?फिर भी कुछ चीजों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा -
१]शारीरिक आकर्षण :-हमारें भारतीय समाज में शादी से पहले लड़का/लड़की देखने की परम्परा हैं |आपका LOOK महत्वपूर्ण हैं चाहें आप लड़का हों या लड़की |ऐसा जीवन साथी चुने जो आपके लिए खूबसूरत हों तथा जिसे आप भी आकर्षित करते हों |कुछ लड़कियां सुंदर रंग रूप वाले लडको को पसंद करती हैं जबकि कुछ लंबे ,गहरे रंग के सुंदर लडको को |
किन्तु सावधान !केवल बाहरी रूप रंग इस बात की गारंटी नही दे सकते की व्यक्ति अच्छा ही होंगा |बाहरी रूप रंग समय के साथ नष्ट हों जाता हैं ,किन्तु मानवीय गुण बने रहतें हैं |
२]रुचियो में अधिकतम समानता :-
ऐसे व्यक्ति को चुनिए जिसकी ज्यादा से ज्यादा रूचियाँ आपसे मिलती हों …LIKES……DISLIKES….HOBBIES…PRIORITIES etc.हालाँकि दो लोगों के सभी गुण एक समान नही हों सकते फिर भी ज्यादा से ज्यादा गुण मिले तो बेहतर होंगा ……|
३]उम्र में उचित अंतर :-उम्र में ना तो बहुत ज्यादा ना ही बहुत कम अंतर होना चाहियें ,क्यूंकि इससे वैवाहिक जीवन प्रभावित होता हैं ,biologically,mentally,psychologically नर एवं मादा की विभिन्न उम्र में भिन्न भिन्न दर से वृद्धि होतीं हैं |लड़कियां शारीरिक रूप से लडको की तुलना में जल्द परिपक्व होती हैं |लड़के मानसिक रूप से ,लड़कियों की तुलना में जल्दी परिपक्व हों जातें हैं |यदि पति की उम्र पत्नी से १० वर्ष ज्यादा हों तो पति हमेशा पत्नी से अपने परिपक्वता के अस्तर का व्यवहार चाहेंगा |हालाँकि आदर्श रूप से एक पति थोड़े ज्यादा उम्र का होना चाहिये |
व्यक्तित्व का प्रकार :-
व्यक्तित्व महज एक शब्द हैं किन्तु इसमें ढेर सारी चीजे निहित हैं आप देखिये की आपका भावी साथी extrovert हैं या introvert|यदि आप extrovertहैं तो extrovert साथी चुनियें ….यदि आप introvert हैं तो introvert जीवन साथी खोजियें |आप अपने भावी साथी में IQ[बुद्धि का अंक ],SQ[आध्यत्मिकता का अंक],EQ[भावनात्मक अंक ]या भावनात्मक स्थायित्व ,जीवन दर्शन ,जीवन के प्रति नजरिया ,आदतें ,परिपक्वता ,सहमती ,पसंद नापसंद देख सकतें हैं |
शैक्षिक पृष्ठभूमि :-
किसी की शिक्षा पर ना जाकर ये देखना ज्यादा जरूरी हैं की कितना ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति हैं |केवल डिग्री रखने वाला जरुरी नही की ज्ञानी भी हों |किसी ऐसे को जीवन साथी चुनिए जो स्मार्ट हों,सोचने की क्षमता रखता हों ,परिपक्वता वा बुद्धिमत्ता से कार्य करता हों तथा जिसका मानसिकस्तर आपके मानसिक स्तर से मिलता हों |
शैक्षिक पृष्ठभूमि :-
किसी की शिक्षा पर ना जाकर ये देखना ज्यादा जरूरी हैं की कितना ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति हैं |केवल डिग्री रखने वाला जरुरी नही की ज्ञानी भी हों |किसी ऐसे को जीवन साथी चुनिए जो स्मार्ट हों,सोचने की क्षमता रखता हों ,परिपक्वता वा बुद्धिमत्ता से कार्य करता हों तथा जिसका मानसिकस्तर आपके मानसिक स्तर से मिलता हों |
पारिवारिक पृष्ठभूमि-
शादी केवल २ व्यक्तियों का नही बल्कि २ परिवारों का सम्बन्ध हैं ,एक व्यक्ति अपने परिवार की आदतों एवं संस्कारों से प्रभावित रहता हैं ,परिवारों की लगभग एक जैसी पृष्ठभूमि अच्छी शादी के लिए आवश्यक हैं |इससे दूसरे परिवार में एडजस्ट होने में मदद मिलती हैं |
अभिभावकों का नजरिया :-
अभिभावकों का नजरिया बहुत महत्वपूर्ण हैं क्यूंकि बच्चे भी इसे अपना लेते हैं |बहुत अच्छी तरह जांच पड़ताल करना जरुरी हैं की किस परिवार में आप विवाह कर रहें हैं |आशावादी ,निराशावादी……..आदि आदि मुद्दे|
समुदाय का प्रकार:-
व्यक्ति किस समुदाय का हैं ?इससे भी वैवाहिक जीवन प्रभावित होता हैं |यदि एक ही समुदाय के दोनों व्यक्ति हैं तो आपको धार्मिक कृत्यों ,त्योहारों ,रीति रिवाजो को नये सिरे से नही सीखना रहता |किन्तु अलग समुदाय में सबकुछ नये सिरे से सीखना होता हैं |
धार्मिक पृष्ठभूमि:-
हमारी संस्कृति में धर्म महत्वपूर्ण हैं ,और आस्था परम शक्तिशाली |कोई व्यक्ति जो बहुत धार्मिक हों,रोजाना मंदिर जाता हों ,धर्म के अनुरूप हर कार्य करता हों किन्तु उसकी पत्नी को बिलकुल रूचि ना हों इन सब में तो उस व्यक्ति को मानसिक चोट पहुँच सकती हैं |सन्यासी फिल्म का वो गाना तो आपको याद ही होंगा ‘चाल सन्यासी मंदिर में…..’
व्यावसायिक पृष्ठभूमि :-
मान लीजिए एक स्त्री चाहती हैं की उसका पति घर जल्दी लौट आया करे तो वह उस व्यक्ति के साथ ज्यादा खुशी महसूस करेंगी जो १० से ६ तक वाले जाब में होंगा ,क्यूंकि वह शाम को लौट आता हैं,किन्तु यदि उसकी शादी किसी ऐसे व्यक्ति से कर दी जाएँ जो सेना नौसेना ,या जहाजरानी में हों एवं घर से ज्यादा वक्त बाहर बिताता हों,तो वह उतना खुश शायद न रहें |
इसी तरह यदि एक लड़का एक ऐसी लड़की को चाहता हैं जो उसकी परवाह करे घर पर रहे तो उसे ज्यादा महत्वकांक्षी कामकाजी लड़की से शादी नही करनी चाहियें |
आर्थिक पृष्ठभूमि:-
धन सब कुछ नही हैं फिर भी बहुत कुछ हैं |जरूरत से ज्यादा शोपिंग करने वाले लोगों से बचे जो बिना किसी खास वजह के घर में कबाड़ इकठा करते हैं |आप विचार कीजिये की अपने साथी के साथ आर्थिक मामलो में अडजस्ट कर संकेगे की नही |
एक दूजे के लिए सम्मान :-
यदि आपने अपने वाले को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया हैं,तथा एक दूसरे की इज्जत करतें हैं , तो यह रिश्तों का स्वस्थ्य संकेत हैं |हम सभी विशिष्ट वा अदभुत हैं तथा हमेशा प्यार वा सम्मान के भूखे रहतें हैं ,चाहे वह परिवार से ,सहकर्मियों से या जीवन साथी से मिले |
शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य :-
कुछ लोग शादी से पहले बीमारियो को छुपातें हैं ,और बाद में यह प्रकट हों जाती हैं [धोखा ].हमे अपने भावी जीवन साथी से अपनी शारीरिक स्थिति पर जरुर विमर्श करना चाहियें |कुछ टेस्ट ऐसे होते हैं जिनको जरुर कराना चाहिये |हालाँकि मेडिकल साईंस आज बहुत आगे हैं |………
[क्रमशः ]
written by @ Dr.Ajay Yadav {9807359881}
बहुत खूब,जीवन साथी का चयन खूब सोच समझ कर करना चाहिए,
ReplyDeleteRECENT POST : हल निकलेगा
सादर प्रणाम |
Deleteहृदय से आभार |
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, अजय जी.
ReplyDeleteनई पोस्ट : अद्भुत कला है : बातिक
शुभप्रभात
ReplyDeleteउम्दा आलेख
बहुत सी बातों से सहमत हूँ
शुभ दिन
बहुत सुन्दर पोस्ट
ReplyDeleteHow to repair a corrupted USB flash drive
bahut khub..satik post
ReplyDeleteअजय जी आपकी सभी बातों से सहमत हूँ
ReplyDeleteसादर प्रणाम |
Deleteहृदय से आभार |
शुक्रिया श्री शर्मा जी |
ReplyDeleteबर कुल सील काया जस, बिद्या बित्त सनाथ ।
ReplyDeleteजे सात गुन परिखन पर, दानै कनिया हाथ ।७९८।
भावार्थ : -- शास्त्रानुसार, वर का कुल ,सद आचरण, स्वास्थ, यश, विद्या, आर्थिक स्थिति, और घर में बड़ों का सुभाशिर्वाद , इन सात गुणों के परिक्षण पश्चात ही मात-पिता अपनी कन्या को दान देवें ॥
कुलं च शीलं च वपुर्यशश्च विद्यां च वित्तं च सनाथतां च ।
Deleteएतान्गुणान्स्प्त परीक्ष्य देया कन्या: बुधै: शेषम चिंतनीयम ॥
बहुत बहुत आभार ,छोटे से श्लोक में सारा निचोड़ दिया |
DeleteNice Article....
ReplyDeleteअपने जीवन साथी के साथ रोमांटिक बातें कैसे करें