20 September 2013

"how to select your life partner" अपना जीवन साथी कैसे चुने?[भाग-१]


{दोस्तों !जल्द ही मेरे एक मित्र शादी के बंधन में बधें हैं ,उनको देखकर लगा की कुछ वर्षों में अपनी भी बारी आ सकती हैं ,फिर क्यूँ न इस महत्वपूर्ण अवसर की पहले से तैयारी कर ली जाय ,इसीलिए मैंने विवाह पर एक शोध किया की "अपना जीवन साथी कैसे चुना जाए" लीजिए ..इस शोध से आपको भी रूबरू करता हूँ } 

लोग विवाह क्यूँ करते हैं इसका कोई परिभाषित कारण नही हैं फिर भी हममे से ज्यादातर ऐसा करतें हैं |हम सभी के जीवन में कुछ इच्छाएं होती हैं ,जैसे शारीरिक ,मानसिक या भौतिक |इन इच्छाओ की पूर्ति के लिए लोग शादी करते हैं |फिर भी कुछ कारण निम्न हों सकतें हैं -
प्रेम की आकांक्षा :-हम सभी का स्वप्न होता हैं कोई स्पेशल हों जिसे हम दिलोजान से चाहें ,हालाँकि हमारे साथ परिवार ,मित्र, पडोसी ,सहकर्मी सभी होते हैं और हम उन्हें प्रेम भी करतें हैं किन्तु यह पर्याप्त नही होता हैं |
हमे एक विशिष्ट व्यक्तित्व की आकांक्षा होती हैं ,जिससे हम प्यार करें और अपना परिवार बढ़ाएं |
जिससे हम अपना सबकुछ शेयर कर सके ,जो हमारे साथ सदैव हों और जीवन का अभिन्न अंग हों |
प्यार पाने की इच्छा :-हमें जाहे जितना प्यार मिले पर ‘ये दिल मांगे मोर’.|कोई मुझे समझने वाली हों |परवाह करने वाली हों और सपनो में सहभागी हों ,मेरे प्रति शुभेच्छु हों ,स्पेशल मोमेंट्स के हर क्षण को सेलिब्रेट करतीं /करता हों |No matter come what may ,who will always with you and love you the way you are.

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सामाजिकता[लोंगो के साथ होने की भावना ]:-
मानव एक सामाजिक जीव हैं ,जो नितांत निर्जन में एकांत में नही रह सकता ,हमे आस-पास के लोगों की जरूरत होतीं हैं ,जब हम शादी करते हैं तो नये रिश्ते बनतें हैं हम ऐसे अपरिचित लोगों से मिलतें हैं जिनसे पहले भेट नही हुयी रहती हैं |
Recognisation and Approval पाने की इच्छा “:-
याद कीजिये एक छोटे बच्चे के रूप में हमे हमेशा approval की जरूरत पड़ती थी,की हम कैसे दिख रहें हैं ,क्या पह्न्तें हैं ,छोटे बच्चों के रूप में लोग हमें हमारें परेंट्स के जरिये पहचानतें हैं |किन्तु जैसे जैसे हम बड़े होतें हैं हमे अपनी पहचान खुद बनानी होती हैं ,इसमें शादी का महत्वपूर्ण योगदान हैं|शादी के दौरान लोग हमे जोड़े के रूप में जानने लगते हैं |
सुरक्षा की भावना:-
कोई ऐसा हों जो हर तरह से आर्थिक रूप से ,मानसिक रूप से,भावनात्मक रूप से हमारी मूल भूत अवश्यकताओ भोजन ,कपडा ,शरण ,वा भावनात्मक जरूरतों की परवाह करता हों ,जिससे बात करना हमेशा प्यारा लगे ,जिससे मन की बात कह सकें |
परिवार स्थापित करने की भावना
परिवार सहकर्मियों या मित्रों से ही नही बनता बल्कि इसके लिए शादी करकें बच्चे पैदा करने पड़ते हैं |
सामाजिक रीति रिवाजो और सामाजिक स्वीकार्यता का प्रभाव-
विश्व के किसी भी समाज  सा सभ्यता को देखे ,हर जगह विवाह एक परम्परा हैं ,हालाँकि रीति रिवाज,संस्कृति ,और उत्सवधर्मी प्रकृति भिन्न भिन्न हों सकतें हैं किन्तु विवाह हर जगह होता हैं |एक जोड़ा सम्मान और स्वीकृति तब पता हैं जब वह सदैव एक दूजे के हों जाता हैं |हमारी सभ्यता लिव इन रिलेशनशिप को स्वीकृति नही देती|
आर्थिक सुरक्षा की भूमिका :-Auto,Airplane,School bus.
धन सबकुछ नही किन्तु बहुत कुछ हैं ,आज पति पत्नी दोनों कामकाजी हैं,दोनों साथ मिलकर अपने जीवन यापन के तौर तरीको को और ऊँचाई प्रदान कर सकतें हैं |इस प्रकार से आर्थिक सुरक्षा बढती हैं |

सामाजिक स्तर स्थापित करने की भावना :
अपने स्तर और नाम को स्थापित करने के लिए हम शादी करते हैं,वे लोग जिन्होंने अपने जीवन को महान कार्यों के लिए समर्पित किया हैं और शादी न करने का निर्णय किया हैं वे अपवाद हैं ,जैसे कलाम साहब ,जैन गुरू,साधुसंत ,कुछ डॉ आदि ,किन्तु यदि कोई व्यक्ति बिना किसी कारण के व्याह नही करता या सर्वगुण संपन्न साथी ना पाने के कारण तो समाज में उसे निम्न समझा जाता हैं लोग उसके विषय में नकारात्मक बोलते हैं |

What counts in making a marriage happy is not how compatible you are
but how you deal with incompatibility”-george levinger

2 comments:

  1. शुभप्रभात
    उम्दा आलेख
    बहुत सी बातों से सहमत हूँ
    शुभ दिन

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