14 September 2013

हर संडे डॉ सिन्हा के संग-४

{इस रविवार मैं गुरुदेव की कक्षा में लगभग दौरते हुए पंहुचा और जाकर पीछे बैठ गया }

प्यारे बच्चों !लक्ष्य निर्धारण के लिए हमने काफी कुछ अभ्यास कर लिया हैं,अब आप सब निम्न सारणी कों भरें |लेकिन इससे पहले कुछ सवाल खुद से पूछ लीजिए-

१]मुझे जीवन में क्या चाहिए ?What i want in my life?


2]मैं जीवन में क्या करना चाहता हूँ ?

What i want to do in my life?


३]मैं जीवन में क्या बनना चाहता हूँ ?What i want to become in my life?


4]मैं किस तरह से जीना चाहता हूँ ?How do i want to live?

अब इस सारणी कों उपर से नीचे भरे ,यानी पहले जीवन का उद्देश्य ,फिर उसे पाने के लिए एक साल में कितनी मेहनत ,पांच साल में कितनी मेहनत ,१० साल में कितनी मेहनत करनी होंगी |
                                                {चित्र पर क्लिक करके बड़ा कीजिये }

सही दिशा की मेहनत और सही तरह की मेहनत बहुत महत्वपूर्ण हैं |जीवन में लक्ष्य का तो बहुत ही ज्यादा महत्व हैं एक सही लक्ष्य हमे हमारे सपनो के करीब बहुत तेजी से ले जाता हैं |
जीवन में सही लक्ष्य का बहुत महत्व हैं ,लक्ष्य यानि जीवन का नक्शा |
मान लीजिए आपको इलाहाबाद से लखनऊ जाना हैं ,और आपको कानपुर का नक्शा दिया हैं तो क्या आप उस्  नक्शे की सहायता से लखनऊ जा सकते हैं…………………………………………………………………………….
नही ?
फिर हम गलत नक़्शे की सहायता से अपने जीवन में जो चाहतें हैं

वो कैसे हाशिल कर सकतें हैं
कुछ लोग लक्ष्य का निर्धारण ५ मिनट में कर लेतें हैं
आप बाजार एक पैंट खरीदने जाते हैं सैकड़ो पैंटो में से एक पैंट चुनतें हैं |फिर आपकी जिंदगी इतनी कीमती हैं उसके लिए लक्ष्य निर्धारण इतने अल्प समय में कैसे कर लेते हैं ?
पूरा सोच विचार ,आकलन करने के पश्चात्…….अपनी स्थिति का सही निर्धारण करने के बाद ही स्मार्ट लक्ष्य बनाने चाहियें |
हमे अपने ज्ञान को लगातार बढाते रहना होंगा क्यूंकि बीते हुए कल में आपका शैक्षिक जानकारी स्तर क्या था ,यह आज पुराना हों चुका हैं आज के अनुसार अपडेट करना होंगा |
खुद को लगातार प्रेरित करना होंगा यदि हमे हमेशा सर्व-श्रेष्ठ प्रदर्शन करना  हैं तो ….
ज्ञान मे शक्ति बनने की परम शक्ति हैं |
जीवन में संघर्ष के बिना कुछ हाशिल नही होता किसी कवि ने कहा हैं , ने कहा हैं
समर में घाव खाता हैं ,
उसी का मान होता हैं .
छिपी उस वेदना में ,
अमर वरदान होता हैं ,
सृजन में चोट खाताहै,
छेनी और हथोरी से ,
वही पाषाण कही मंदिर में
भगवान होता हैं …….

6 comments:

  1. बहुत खुबसूरत भाव और जीवन सफलता के विचार ...

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  2. ये तो सत्य है बिना संघर्ष के कुछ भी नहीं

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  3. कृपया आप सारणी कों कैसे भरा जाय इस विषय में मार्गदर्शन कीजिये...
    बड़ी कृपा होंगी |
    डॉ राजेश ,अमृतसर

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