13 September 2013

हर संडे डॉ सिन्हा के संग -३




{डॉ सिन्हा के उदारपूर्ण व्यक्तित्व और अपनेपंन की भावना से हम सब अभिभूत थे |अनुभव और ज्ञान के चलते फिरते विश्वविद्यालय ,बुजुर्ग और Animal Spirits वाली नवजवानों की पीढ़ी के बीच ज्ञान,आध्यात्म और दर्शन का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरण का विहंगम दृश्य लेकर मैं अजय एक बार फिर से हाजिर हूँ}

     हमारी आज की कक्षा फूलों के बगीचे में घने बरगद के वृक्ष के नीचे एक पक्के चबूतरे पर आयोजित हैं |लाल ,गुलाबी, हरे, सफ़ेद, बैगनी और अन्य सैकड़ों इन्द्रधनुषी रंग के फूल चारो ओर खिलकर अपनी मधुर सुगंध विखेर रहें हैं |ऊँचे ऊँचे वृक्षों पर पंक्षी कलरव कर रहें हैं ,कोयल की कुं-कुं ,पपीहे की प्युं-प्युं ध्वनि कानो कों बड़ा सुकून दें रहीं हैं | सामने छोटे जलाशय में सफ़ेद सफ़ेद बत्तखें एवं कुछ हंसो का जोड़ा हरे-हरे नरम घास पर विचरण कर  रहा हैं,ठंडी हवाएं हमारे तन-मन कों शीतलता प्रदान कर रहीं हैं,स्फूर्ति ,नवजीवन और अदभुत एहसास से हम बड़ा ही अलौकिक महसूस कर रहें हैं ,ऐसा लग रहा हैं की भीतर से कुछ मजबूत हों रहा हैं ,जिसे आप इरादा कह सकतें हैं ,कमिटमेंट कह सकतें हैं ,जिजीविषा या जीवन शक्ति भी कह सकतें हैं |
     मंच पर अचानक सभी शांत हों गए हैं,क्यूंकि गुरुदेव आ चुके हैं |सफ़ेद सौम्य कपड़ो में डॉ सिन्हा देवदूत सरीखे लग रहें हैं ,आज उनके साथ मिसेज सिन्हा भी हैं|बेहद खूबसूरत कपल....|
   दोस्तों !हर उम्र का एक सौंदर्य होता हैं ,एक बच्चे ,एक युवा ,एक बुजुर्ग हर एक में अलग अलग उम्रो की विशिष्ट नैसर्गिक आभा होती हैं |आप भी मेरी इस बात से सहमत होंगे |
  हल्के योगासनों और ध्यान के बाद डॉ सिन्हा ने हम सबको संबोधित किया ..
    "जब हम विषम से विषम परिस्थितियो में भी अपने सर्वोच्च जीवनमूल्यों और विश्वासों के अनुसार जीते हैं तो हम  मानसिक शांति का आनंद लेते हैं ,अन्यथा हम जिंदगी भर इसकी तलाश में भटकतें रहते हैं जबकि यह हमारी नैसर्गिक अवस्था हैं'|
  अब सभी लोग अपनी आँखे बंद कर लें |गहरी सांसे खींचे ,सांसो कों आता जाता देखें,महसूस करें साँसों पर ध्यान रखें|दो मिनट तक यह अभ्यास जारी रखें.....
रिलैक्स ..........रिलैक्स ..........रिलैक्स
१ मिनट....
२ मिनट....

       'अब आप अपने आदर्श जीवन की कल्पना करें ,की तत्वों का कौन सा क्म्पोजिसन आपको पूरी तरह आनंदित बनाएंगा ,खुश रखेंगा |इस पल आपको यह चिंता नही करना हैं की आपके लिए क्या संभव हैं क्या नही हैं |अपने मस्तिष्क कों सीमाओं से मुक्त कर दें |और स्पष्टता से अपनी भौंहों के ऊपर बंद आँखे ले जा कर कल्पना किजीयें की मानसिक शांति के लिए आपको क्या क्या चाहिए ?
आप क्या करेंगे ?
आप कहाँ रहेंगे ?
आपके साथ कौन रहेंगा ?
आप अपना समय {रात/दिन }कैसे बिताएंगे ?
आपका काम हर तरह से उत्कृष्ट होने पर कैसा दिखेंगा ?
आपके प्रियजन पूर्ण शांति और सुख की अवस्था में रहें तो आपका पारिवारिक जीवन कैसा होंगा ?.........
    खास बात यह हैं की आप उस लक्ष्य पर निशाना नही लगा सकते,जो आपकी नजरो में न हों ,इसलिए अगर किसी चीज कों आप स्पष्टता से विजुलायिज कर सकतें हैं ,तो उसे आप पा भी सकते हैं |
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       हमारा शरीर अदभुत हैं ,इसके साथ अगर हम कुछ निश्चित चीजे करना बंद कर दें तो यह अक्सर अपने आप ठीक हों जाता हैं ,किन्तु हम तम्बाकू,निकोटीन ,अल्कोहल... अनावश्यक ड्रग्स द्वारा इसके साथ दुर्व्यवहार करते रहतें हैं,फिर भी ईश्वर निर्मित इस अदभुत यांत्रिकी में दुबारा स्वस्थ्य व उर्जावान होने की प्रत्याशा समायी हैं |
आदर्श सेहत हैं ,आपकी ऐसी कल्पना कीजिये |आदर्श फिटनेस पाकर आप कैसे दिखेंगे ?किसा महसूस करेंगे ?आपका वजन कितना होंगा ?आप कैसा भोजन और व्यायाम करेंगे ,एरोबिक्स करेंगे या भारी कसरत |
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    हम सब सामाजिक जीव हैं ,हमारे सम्बन्ध इंसान के रूप में हमारी सफलता के पैमानें हैं |कोई परिवार कितना खुश रहता हैं ,कितना आपस में लोग हंसते हैं ,इसी से सम्बन्धों का हाल चाल पता चल सकता हैं |जीवन में आप सबका लक्ष्य एक ऐसा मानवीय परिवेश बनाने का होना चाहिए जिसमे आप खुश ,संतुष्ट और सुखी रहें |
     आपका आदर्श सम्बन्ध किसके साथ होंगा ,कैसा दिखेंगा?अगर आप अपने महत्वपूर्ण संबंधो की कल्पना पुरे डिटेल के साथ कर सकें ,तो संबंधो में क्या ज्यादा चाहेंगे क्या कम ?आप अपने जीवन में उन परिस्थितियों के निर्माण के लिए क्या क्या करेंगे ? स्पष्टता से विजुलायिज करें |
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   बच्चों !मैं आपसे कहूँगा की आप अपनी योग्यताओं और गुणों कों इतना ज्यादा बढा लें ,ताकि तसल्ली रहें की आप पर्याप्त पैसा कमा सकतें हैं ,इससे आप सब में आर्थिक स्वतंत्रता का एहसास पनपेंगा जो की किसी भी लक्ष्य कों हांसिल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं” |
    आप सब इमैजिन कीजिये ,की आपके पास अलादीन का चिराग या जादुई छड़ी  हैं ,जिसे हिलाते ही  जितना धन चाहेंगे प्राप्त हों जायेंगा |अब आप अपने सारे आर्थिक लक्ष्य हांसिल कर लें तो आपकी जिंदगी कैसी दिखेंगी ,आज से कुछ वर्षों बाद आप कितना धन कमाना चाहेंगे ?आप किस तरह के घर में रहेंगे ?कैसी गाडी से चलाना पसंद करेंगे,रिटायरमेंट के समय अपनी कुल कितनी संपत्ति चाहते हैं ?सब स्पष्टता से देखें |
     यह अभ्यास आपको रोजाना करना हैं ,आप सभी घर जाकर इन सब प्रश्नों का उत्तर अपनी डायरी में लिखेंगे |जहाँ तक आप सोंच सकें ,कोई लिमिट नही क्यूंकि इस केस में आप जितना पाँव फैलायेंगे उतनी ज्यादा चादर फैलती जायेंगी |इस अभ्यास से आप ठीक ठीक जान जायेंगे की आप जीवन में क्या चाहते हैं ?और किस तरह उन सब चीजों कों पाना हैं ,इससे लक्ष्य निर्धारण आसान हों जायेंगा जिसकी चर्चा अगली कक्षा में होंगी |
     आप कों अपनी कल्पना की कुंची से जीवन के कैनवास पर मास्टरपीस बनाना हैं |आप कों जहाँ पहुंचना हैं वहाँ पहुँचने की प्रक्रिया की चिंता न करें ,यह खुद ब खुद होंगा ,जैसे बीज बोने पर पौधा  खुद ब खुद  निकलता हैं ,आप बीच में ,बीज जमाई हुयी मिटटी कों कुरेदते भी नही हैं ,इसी तरह से एक बार बीज बो देने के बाद आपको फसल का इन्तेजार करना चाहिए |
 {यह सारी कथा काल्पनिक हैं ,किसी जीवित या मृत पात्र से कोई सम्बन्ध नही हैं }
                                                                                 -अजय यादव

7 comments:

  1. किसी भी रूप में अनुभव व ज्ञान साझा होते जाएँ...
    पाठक लाभान्वित होंगे ही!

    बनी रहे गति...
    चलती रहे सन्डे टू सन्डे की श्रृंखला!

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  2. बहुत सकारात्मक एवं प्रेरणात्मक आलेख अजय जी .

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  3. शुभप्रभात
    अच्छी बातें हमेशा हर हाल में अच्छी ही होती है
    हार्दिक शुभकामनायें

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  4. बहुत ही विचारणीय और सकारात्मक आलेख.

    रामराम.

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  5. विचारणीय और सकारात्मक आलेख लिख डाला है अजय जी
    कुछ समय से ब्लॉग से दूर था ....लौटा तो देखा सन्डे सृख्ला चल रही है ........बेहतरीन आलेख अजय जी

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