मित्रो ! अपना जीवन साथी कैसे चुने ?के लिखने के बाद अब प्रेग्नेंसी पर एक विस्तृत लेख माला प्रस्तुत करने जा रहा हूँ
|अपने विचारो से अवगत कराते रहियेंगा|
मातृत्व की तैयारी -1
शादी और मातृत्व
कोई भी शादी जिसमे कपल 18
वर्ष से कम उम्र के हों child marriage कहलाता हैं |18 वर्ष से कम उम्र की शादी
में लड़की शारीरिक,मानसिक रूप से अपरिपक्व होती हैं ,वह न तो शादी के लिए, न ही
बच्चा पालने हेतु पर्याप्त परिपक्व होती
हैं,15 से 19 वर्ष की युवतियों में गर्भावस्था के दौरान मृत्यु सर्वाधिक होती हैं
,समाज वैज्ञानिको के अनुसार 20 वर्ष से कम उम्र की शादी में तलाक की दर भी काफी
अधिक हैं {80%-85%}|दूसरी तरफ उम्र ज्यादा होने पर जैसे 30 वर्ष के उम्र के बाद
FERTILITYकी दर भी घट जाती हैं ,जैसे जैसे उम्र बढती जाती हैं प्रेगनेंसी कंसीव
करने में भी दिक्कते आती हैं |
मातृत्व धारण करने का सबसे
बढ़िया समय 20 वर्ष के बाद का तथा 30 वर्ष के पहले का हैं ,तब तक स्त्री पढाई लिखाई
करके आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा देती हैं |ग्लैमर और खूबसूरत
दुनिया की ये स्त्रियाँ पोषण और कसरत के जरिये अपने शरीर को फिट रखती हैं |ये
गर्भावस्था के दौरान होने वाले बदलावों के प्रति सजग रहती हैं |
ऐसी स्त्रियाँ जिनकी उम्र
35 वर्ष से ज्यादा हो जाती हैं उन्हें प्रेगनेंसी कंसीव करने की दिक्कतों के साथ
साथ ,अनुवांशिक बीमारियों से पीड़ित बच्चे पैदा होने का भी खतरा रहता हैं ,(जैसे
डाउन सिंड्रोम आदि)|नई स्टडी और रिसर्च से यह भी पता चला हैं की ज्यादा उम्र में
माँ बनने पर सिजेरियन की दर भी बढ़ जाती
हैं |
अगर आपने मातृत्व की तैयारी कर ली हैं तो आपको कुछ सामान्य जांचे करवा लेनी चाहियें –
एनीमिया
थायरायड की बीमारियाँ
डायबिटीज मेलिटस
उच्च रक्त चाप
थैल्सीमियां
या कोई अन्य वीमारी जो
मातृत्व को प्रभावित करें,साथ ही RUBELLA वैक्सीन को भी लगवा लेना चाहियें |
-Dr.Ajay Yadav
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